Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 27 Jan, 2019 11:04 AM
जिले को बाघ घाट कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि बाघ की वजह से बालाघाट का नाम देश प्रदेश ही नहींं बल्कि दुनिया भर में जाना जाता है। लेकिन जिस तरह से बालाघाट में बाघ का शिकार और मौते हो रही है। उससे लग रहा है कि बाघ के नाम से बालाघाट की पहचान खतरे...
बालाघाट: जिले को बाघ घाट कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि बाघ की वजह से बालाघाट का नाम देश प्रदेश ही नहींं बल्कि दुनिया भर में जाना जाता है। लेकिन जिस तरह से बालाघाट में बाघ का शिकार और मौते हो रही है। उससे लग रहा है कि बाघ के नाम से बालाघाट की पहचान खतरे में आ जाएगी। ताजा मामला लौगूर वन परिक्षेत्र का है। जहां पिछले कुछ दिनों में एक व्यस्क बाघ को न सिर्फ मारा गया बल्कि इसके नाखून, पंजे और खाल की तस्करी की योजना भी बनाई गई। गनिमत यह रही कि इस फिराक में घूम रहे 6 लोग वन विभाग की टीम के हत्थे चढ़ गए।
जानकारी के अनुसार, लौंगूर रेंज के कुर्थीटोला में एक ग्रामीण के बैल को बाघ ने अपना शिकार बना लिया था। जिससे तिलमिलाए ग्रामीण ने मरे हुए बैल के मास पर कीटनाशक और जहरीली दवा का छिड़काव कर दिया था। जब बाघ दोबारा बैल का मास खाने आया तो मास खाने के बाद बाघ की मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीण ने अपने सहयोगियों को इसकी सूचना दी थी। इसके नाखून से लेकर चमड़े की तस्करी की योजना के तहत बाघ के अवशेष निकाल लिये गए। लेकिन इससे पहले कि आरोपी नाखून और पंजो की तस्करी कर पाते वे ग्राम समनापुर में वनविभाग की टीम के हत्थे चढ़ गए। जिन्हें गिरफ्तार कर मामलें की जांच की जा रही है।