Edited By suman, Updated: 08 Mar, 2019 01:12 PM
बीते साल शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के इतिहास के सबसे बड़े घोटाले के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का नाम बदल कर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) कर दिया था। वहीं अब सत्ता में आते ही कांग्रेस ने फिर से इसका नाम बदलने की तैयारी कर रही है।...
भोपाल: बीते साल शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के इतिहास के सबसे बड़े घोटाले के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का नाम बदल कर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) कर दिया था। वहीं अब सत्ता में आते ही कांग्रेस ने फिर से इसका नाम बदलने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश की कमलनाथ सरकार पीईबी को नया नाम 'राज्य कर्मचारी चयन आयोग' देने के मूड में है। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने तैयारियां भी कर ली है। जल्द ही यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएग और फिर नाम परिवर्तित किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव से पहले बदला जाएगा नाम
दरअसल व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति में भी भूचाल आ गया था। घोटाले में बड़े स्तर पर धांधली और मामले से जुड़े 47 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध मौत के बाद शिवराज सरकार चौतरफा घिरी गई थी। आरोप के कई छींटे बीजेपी नेताओं समेत शिवराज के परिवार पर भी लगे थे। विपक्ष कांग्रेस ने शिवराज के इस्तीफे तक की मांग कर दी थी, इसके बाद दाग धोने के लिए शिवराज सरकार ने व्यापमं से इसका नाम बदलकर पीईबी कर दिया था।
विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज को घोटाले में क्लीनचिट भी मिल गई थी। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आते ही फिर से जांच करवाने की बात कही थी। इसको लेकर बीते दिनों सड़क से लेकर सदन तक हंगामा भी हुआ था, लेकिन मामला ठंडा पड़ गया। अब लोकसभा चुनाव से पहले फिर कांग्रेस इसकी नाम बदलने की तैयारी कर रही है। खबर है कि इसका नाम 'राज्य कर्मचारी चयन आयोग' कर दिया जाएगा। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने फाइल तैयार कर ली है जो जल्द ही राज्य शासन को भेजी जाएगी।
31 सदस्यों की बनेगी कमेटी, दो विधायक भी होंगें शामिल
राज्य कर्मचारी चयन आयोग' में 31 सदस्य होंगे। जिसमें 14 पदेन सदस्य, 11 मनोनीत और 7 बोर्ड के कार्यकारी सदस्य रहेंगे। पीईबी के आयोग बनने बाद दो विधायक भी सदस्य के तौर पर नियुक्त किए जाएंगे। कार्यकारी सदस्यों में अध्यक्ष, पीएस तकनीकी शिक्षा, वित्त व चिकित्सा शिक्षा, आरजीपी कुलपति, निदेशक व्यापमं और तकनीकी शिक्षा होंगे। इसी तरह शासन 11 सदस्यों को मनोनीत करेगी। कुछ अधिकारियों को पदेन व कार्यकारी सदस्य की भूमिका निभाना होगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता दस मार्च से लगने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बाद ही नाम परिवर्तन और सदस्यों की नियुक्ति हो सकेगी। हालांकि प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग प्रमोद अग्रवाल ने इस संबंध में जानकारी न होने की बात कही है।