Edited By Vikas kumar, Updated: 04 Jan, 2019 05:21 PM
प्रदेश में मीसाबंदी को लेकर विवाद गहराता ही जा रहा है। मीसाबंदियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पेंशन बंद करने के खिलाफ शासन को नोटिस जारी क...
भोपाल: प्रदेश में मीसाबंदी को लेकर विवाद गहराता ही जा रहा है। मीसाबंदियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पेंशन बंद करने के खिलाफ शासन को नोटिस जारी करेंगे और दो दिन बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। इसके बाद सात जनवरी को जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और 10 जनवरी को हर संभाग में धरना होगा। सभी मीसाबंदी पूरे परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे। इसके बाद उन्होंने कहा कि वे पेंशन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। लेकिन सरकार का तुगलकी फरमान पसंद नहीं है।
बता दें कि गुरुवार को बीजेपी नेता तपन भौमिक ने एसे मीसाबंदियों के घर जाकर मुलाकात की जो दयनीय हालत में हैं जिन्हें पेंशन की जरूरत है। इसके बाद तपन भौमिक ने कहा कि जांच की कोई बात हैं ही नहीं ये सब बदले की भावना से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेंशन रोकने के विरोध में वे हाईकोर्ट का सहारा लेंगे। मीसाबंदियों के साथ यह फैसला पूरी तरह से अन्याय है। सही व्यक्तियों को ही पेंशन मिल रही है। जो हकदार हैं उन्हें ही पेंशन दी जा रही है, एक भी व्यक्ति फर्जी नहीं है। मुख्यमंत्री कमलनाथ का ये फरमान तुगलकी है। अब तक जांच की तारीख निश्चित नहीं है। लेकिन मामले की जांच कब होगी, जांच कौन करेगा, ये अब तक तय नहीं है, जांच होने तक पेंशन बंद नहीं की जानी चाहिए।