Edited By meena, Updated: 01 Apr, 2020 02:55 PM
सरकार लाख कोशिशें करे लेकिन मजदूरों के वापस लौटने का सिलसिला नहीं थम रहा। महानगरों से लौटे रह मजदूर बिना चेकअप करवाए ये अपने घरों की तरफ कूच कर रहे हैं। भले ही जिलों की सीमाएं सील हों लेकिन कच्चे रास्तों से होते हुए जिसको जो साधन मिल रहा कोई पैदल तो...
दमोह(इम्तियाज चिश्ती): सरकार लाख कोशिशें करे लेकिन मजदूरों के वापस लौटने का सिलसिला नहीं थम रहा। महानगरों से लौटे रह मजदूर बिना चेकअप करवाए ये अपने घरों की तरफ कूच कर रहे हैं। भले ही जिलों की सीमाएं सील हों लेकिन कच्चे रास्तों से होते हुए जिसको जो साधन मिल रहा कोई पैदल तो कोई वाहन से सागर के रास्ते दमोह पहुंचे।मजदूरों का आने का यह सिलसिला रात भर जारी रहा।
ये हजारों मजदूर जो दिल्ली, हरियाणा, गुड़गांव, कानपुर जैसै बड़े-बड़े महानगरों में न जाने कहां-कहां दिहाड़ी मजदूरी करने गए थे। लेकिन जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई वैसे ही कां धंधा चौपट होने कारण एक टाइम की रोटी के लिए भी तरसने लगे और अपने घरों की तरफ चल पड़े। लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने जो जहां वह वही रहेगा की घोषणा की। जिसके बाद ये मजदूर अब सागर के बहेरिया चौराहे से दमोह पंहुचे कल दिन भर से लेकर रात तक 2000 मजदूरों का काफ़िला दमोह पहुंच चुका है जो आसपास के विभिन्न गांवों में पहुंचेंगे।