Edited By suman, Updated: 06 Nov, 2018 11:41 AM
शहर के तारा गंज इलाके में रहने वाले आनंद सिंह कुशवाहा इस बार भी प्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। 1994 में पार्षद के चुनाव के दौरान उन्हें वर्तमान मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा की कोई बात इस कदर मर्माहत...
ग्वालियर: शहर के तारा गंज इलाके में रहने वाले आनंद सिंह कुशवाहा इस बार भी प्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। 1994 में पार्षद के चुनाव के दौरान उन्हें वर्तमान मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा की कोई बात इस कदर मर्माहत कर गई कि अब वे हर चुनाव लड़ते हैं। यह बात अलग है कि वे हर चुनाव को हार जाते हैं। यहां तक कि उनकी जमानत भी जब्त हो जाती है। हर 5 साल में वे करीब एक लाख रुपए खर्च करते हैं। पिछले 24 सालों में उन्होंने पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ा।
लेकिन वह लगातार मिल रही हार से हतोत्साहित नहीं होते। बल्कि अगले चुनाव की तैयारी के लिए फिर से जुट जाते हैं। तारागंज के समाधिया गेट पर उनकी चाय की एक छोटी सी दुकान है। जहां वे चाय की गुमटी से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। खास बात यह है कि आनंद सिंह कुशवाहा चाय की गुमटी ही नहीं चलाते बल्कि वे श्री रामचरितमानस और सुंदर कांड का पाठ भी करते हैं। लोगों के बुलावे पर उनके घरों में धार्मिक कार्यों के लिए जाते हैं। लेकिन इससे होने वाली आय को मंदिर निर्माण में लगा देते हैं। उनका कहना है कि 1 दिन हनुमान जी महाराज उनकी गुहार अवश्य सुनेंगे। मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा से उनका विवाद किस बात को लेकर हुआ और मंत्री ने ऐसी क्या बात कही कि वे जुनूनी हो गए। यह वे नहीं बताते, लेकिन हर बार नारायण सिंह को अपने लहजे में चुनौती देते हैं। खुद को जनता का सच्चा सेवक बताते हुए आनंद सिंहकहते हैं कि उन्हें 1 दिन सफलता जरुर मिलेगी।
इस चाय वाले को भी इंतजार है कि कब उसकी किस्मत पीएम मोदी की तरह बदल जाए। कब उसे लोगों का समर्थन मिल जाए और वो लोकतंत्र के मंदिर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके। यह कब होगा इसका जवाब तो केवल समय के पास है।