Edited By rehan, Updated: 28 Jul, 2018 11:54 AM
वैसे तो हमेशा दरगाह पर अजान या नमाज के स्वर ही गूंजते है। दमोह की हटा तहसील में स्थित नीम वाले बाबा की दरगाह पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शंख और घंटियों के स्वर गूंजते हैं। इस अवसर पर बाबा का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ महाआरती की जाती है। गुरु...
दमोह : वैसे तो हमेशा दरगाह पर अजान या नमाज के स्वर ही गूंजते है। दमोह की हटा तहसील में स्थित नीम वाले बाबा की दरगाह पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शंख और घंटियों के स्वर गूंजते हैं। इस अवसर पर बाबा का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ महाआरती की जाती है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हिंदू मुस्लिम भाई बड़ी शिद्दत के साथ मनाते हैं। छोटी-छोटी बच्चियों के द्वारा दरगाह पर रंगोलियां बनाई जाती हैं। बच्चियां कलश लेकर स्वागत करती हैं।
हटा के हजारी वार्ड स्थित हजरत नीम वाले बाबा की दरगाह पर हर साल गुरु पूर्णिमा का पर्व हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग एक साथ मिलकर बनाते हैं। बाबा को गुरु मानकर उनकी ताजपोशी की जाती है। बाबा की महाआरती में शंख और घंटियों का स्वर सुनाई देता है। मुस्लिम समाज के लोग यहां भारी तादाद में मौजूद रहते हैं और बाबा की जयकारे के साथ नमाज अदा की जाती है। बाद में सभी हिंदू मुस्लिम भाई एक दूसरे के गले लगाकर इस पर्व की बधाई देते हैं और कुछ लोग अपने गुरु भाइयों को तोहफे देकर उनका सम्मान करते हैं।