Edited By Vikas Tiwari, Updated: 20 Jul, 2021 01:16 PM
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक मानी जा रही है। जिसकी दस्तक मध्यप्रदेश के ग्वालियर में देखी जा रही है। सोमवार को जिले में तीन मासूम कोरोना संक्रमित पाए गए। जिसमें 14, 8 और पांच माह के बच्चे शामिल हैं। वहीं एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित मिला...
ग्वालियर (अंकुर जैन): कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक मानी जा रही है। जिसकी दस्तक मध्यप्रदेश के ग्वालियर में देखी जा रही है। सोमवार को जिले में तीन मासूम कोरोना संक्रमित पाए गए। जिसमें 14, 8 और पांच माह के बच्चे शामिल हैं। वहीं एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित मिला है। जबकि दो मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं। शहर में कुल 2535 सैंपल की जांच की गई। संक्रमित मिलीं बच्चियों के परिजन के भी सैंपल हुए हैं जो निगेटिव आए हैं।
14 महीने की बच्ची को कमजोरी के कारण और 8 महीने की बच्ची को बुखार व दस्त लगने की शिकायत के कारण परिजन इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भितरवार पहुंचे थे। यहां रेपिड एंटीजन टेस्ट में दोनों को कोरोना होने की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा को इसकी जानकारी दी। सीएमएचओ ने जीआरएमसी के पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ से चर्चा कर बच्चियों को जयारोग्य चिकित्सालय में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सामने कोविड मरीजों के लिए बने टीबी अस्पताल में और एक बच्ची को शिवपुरी में भर्ती कराया। जिस बच्ची को शिवपुरी में भर्ती कराया गया है, वह वहीं की रहने वाली है। बच्चियों के परिजन का कहना था कि वह मजदूरी करते हैं और कहीं बाहर भी नहीं गए हैं। बच्चियां ठीक हैं इसलिए हमें घर जाने दिया जाए। उधर सीएमएचओ डा. शर्मा ने तीसरी लहर की शुरूआत होने की बात से इनकार करते हुए बच्चियों को संक्रमण कहां से हुआ, इसका पता लगाने मंगलवार को दोनों के गांव में जांच टीम भेजने की बात कही है। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और गजराराजा मेडिकल कॉलेज का पीएसएम विभाग द्वारा सीरो सर्वे किया जा रहा है। इसके तहत जिले में 18 साल से कम उम्र के 400 बच्चों के सैंपल लिए गए हैं। इसमें से 50 सैंपल भितरवार ब्लॉक के हैं। बच्चों के लिए गए ब्लड सैंपल के माध्यम से न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा। खास बात ये है कि जब बच्चों के लिए तीसरी लहर घातक है तो भी बच्चों के डॉक्टरों को सीरो सर्वे में शामिल नहीं किया गया है। वहीं अब बच्चियों की स्थिति स्थिर है।