Edited By suman, Updated: 29 Aug, 2018 01:13 PM
महाकाल मंदिर के आसपास हार-फूल, प्रसाद तथा पूजन सामग्री की अवैध दुकानें हटने के बाद भस्मारती अनुमति की संख्या में कमी हुई है। अफसरों का मानना है कि दुकान चालू रहने पर दलाल सक्रिय रहते थे। अतिक्रमण हटने के बाद इस समस्या पर 90 फीसद रोक लग गई है।...
उज्जैन : महाकाल मंदिर के आसपास हार-फूल, प्रसाद तथा पूजन सामग्री की अवैध दुकानें हटने के बाद भस्मारती अनुमति की संख्या में कमी हुई है। अफसरों का मानना है कि दुकान चालू रहने पर दलाल सक्रिय रहते थे। अतिक्रमण हटने के बाद इस समस्या पर 90 फीसद रोक लग गई है। व्यवस्था में सुधार से उत्साहित अफसर अब कुछ अन्य बिंदुओं पर सख्ती करने की योजना बना रहे हैं।
भस्मारती दर्शन के लिए मंदिर समिति प्रतिदिन 1500 से 1700 लोगों को दर्शन की अनुमति प्रदान करती है। लंबे समय से भस्मारती व्यवस्था में दलाल सक्रिय थे। वे बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों से रुपए लेकर अनुमति बेच रहे थे। श्रावण मास की शुरुआत में भस्मारती अनुमति बेचने के सर्वाधिक मामले प्रकाश में आए।
इनमें जो लोग संलिप्त पाए गए, उनमें अधिकांश फूल प्रसाद बेचने वाले लोग थे। इसके बाद अधिकारियों ने मंदिर के आसपास से अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते चार दिनों से भस्मारती अनुमति में लगातार कमी दर्ज की गई। भस्मारती में अब 800 से 900 लोगों को अनुमति दी जा रही है।