अनाथ आश्रम में 2 महीनें से बंद थी खाद्य सामग्री की सप्लाई, संकट में इस परिवार ने की मदद

Edited By meena, Updated: 08 May, 2021 09:21 PM

this family helped in the crisis of the orphanage

ग्वालियर शहर के उपनगर मुरार स्थित सिंहपुर रोड पर रहने वाले बच्चों को इस कोरोना संक्रमण काल में उन्हें खाद्यान्न की समस्या से दूर रखने के मकसद से समाजसेवियों की मदद से एक महीने का राशन उपलब्ध कराया गया है। मदद करने वालों में जयारोग्य अस्पताल समूह के...

ग्वालियर(अंकुर जैन): ग्वालियर शहर के उपनगर मुरार स्थित सिंहपुर रोड पर रहने वाले बच्चों को इस कोरोना संक्रमण काल में उन्हें खाद्यान्न की समस्या से दूर रखने के मकसद से समाजसेवियों की मदद से एक महीने का राशन उपलब्ध कराया गया है। मदद करने वालों में जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक रहे डॉक्टर एनडी वैश्य की पत्नी और रिटायर्ड फौजी ने इसमें अपना योगदान दिया है।

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दरअसल सिंह पुर रोड पर वात्सल्य आश्रय नाम से एक संस्थान है। जहां ऐसी बच्चियां रहती हैं जिनके माता-पिता नहीं है। पूरी तरह से सरकारी मदद पर आश्रित इन बच्चियों को महिला बाल विकास विभाग की तरफ से मदद मिलती है। पता चला है कि पिछले 2 महीने से यह मदद नहीं आ सकी थी। ऐसे में यहां रहने वाली बच्चियां और आश्रय संचालक अपने स्तर पर प्रयास करके बच्चियों को राशन उपलब्ध करा रहे थे। कुछ समाजसेवियों को जब इसकी खबर लगी तो उन्होंने आगे आकर इन बच्चियों को खाद्यान्न की समस्या से फिलहाल मुक्त कर दिया है। जया रोग्य अस्पताल समूह के वरिष्ठ चिकित्सक रहे डॉक्टर एनडी वैश्य की पत्नी शकुन वेस्ट और रिटायर्ड फौजी चक्रपाणि सिकरवार ने वात्सल्य आश्रय को आटा चावल दाल तेल और दूसरा सामान मुहैया कराया है।

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समाजसेवियों का कहना है कि यह खाद्यान्न खत्म होने के बाद ही बच्चियों के लिए दोबारा राशन की आपूर्ति की जाएगी ताकि उन्हें खानपान की कोई समस्या नहीं आये। बच्चियों को उनकी पढ़ाई के प्रति मोटिवेट करने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों ने 15 मिनट की ओरियंटेशन क्लास भी ली और बच्चियों को शैक्षणिक आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से सजग रहकर समाज की मुख्यधारा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अग्रसर रहने को मोटिवेट किया गया। खास बात यह है कि यह बच्चियां सिर्फ सरकार की मदद के भरोसे ही आश्रय स्थल पर रहती हैं और आसपास के 3 स्कूलों में अध्ययनरत हैं। कोरोना संक्रमण काल में इन बच्चियों को खानपान की कोई समस्या आड़े नहीं आए। इसलिए समाजसेवियों ने उनकी मदद की है और भविष्य में ही मदद करते रहने हका भरोसा दिलाया है।

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