MP के इस संसदीय क्षेत्र का पर्यटन मानचित्र पर खासा दबदबा, कुछ ऐसा है राजनीतिक इतिहास

Edited By suman, Updated: 16 Mar, 2019 11:06 AM

this parliamentary field of mp has unique political history

अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित मध्यप्रदेश के खजुराहो से भले ही बीजेपी की उमा भारती और कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे कद्दावर नेताओं ने संसद की राह बनाई हो। लेकिन विकास की ²ष्टि से समूचा संसदीय क्षेत्र अब तक...

भोपाल: अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित मध्यप्रदेश के खजुराहो से भले ही बीजेपी की उमा भारती और कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे कद्दावर नेताओं ने संसद की राह बनाई हो। लेकिन विकास की दृष्टि से समूचा संसदीय क्षेत्र अब तक हाशिए पर है। तीन जिलों पन्ना, छतरपुर और कटनी में फैले खजुराहो संसदीय क्षेत्र में 2014 के आम चुनाव में भाजपा के नागेंद्र सिंह सांसद चुने गए थे। उन्होंने बुंदेलखंड के कद्दावर कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को शिकस्त दी थी। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नागेंद्र सिंह को पार्टी ने नागौद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया, जहां से उन्होंने जीत हासिल की। उनके विधायक चुने जाने के बाद पार्टी को अब इस सीट पर किसी अन्य प्रत्याशी की तलाश है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र की यह संसदीय सीट बीते लगभग ढाई दशक से भाजपा का मजबूत गढ़ बनी हुई है।


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2004 से लेकर 2014 तक बीजेपी ने लहराया जीत का परचम
उमा भारती ने 1989 के चुनाव में कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी की मां विद्यावती चतुर्वेदी को शिकस्त दी। लेकिन इससे पहले 1984 के चुनाव में उन्हें विद्यावती के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। भारती ने यहां से 1991, 1996 और 1998 में भी जीत दर्ज की। वह चार बार यहां से संसद पहुंची। कांग्रेस ने 1999 में वापसी की जब सत्यव्रत चतुर्वेदी यहां से चुनाव जीत कर सांसद बने। परिसीमन के बाद इस संसदीय क्षेत्र से 2004 से लेकर 2014 तक लगातार भाजपा को ही जीत हासिल हुई है। वर्ष 2004 में रामकृष्ण कुसमरिया यहां से चुनाव जीते। भाजपा ने 2009 प्रत्याशी बदल कर जीतेन्द्र सिंह बुन्देला को उतारा। उन्होंने कांग्रेस के राजा पटेरिया को कड़े मुकाबले में 28 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। वर्ष 2014 में भाजपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह ने बाहरी प्रत्याशी होने के बावजूद राजा पटेरिया को हार का मुंह दिखाया। इस संसदीय क्षेत्र में जहां एक ओर बाहुबल और जातिवाद का बोलबाला रहता है, वहीं विकास का मुद्दा आमतौर पर हाशिए पर ही रहा है।

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विकास के मामले में हमेशा से उपेक्षित रहे इस क्षेत्र का देश के पर्यटन मानचित्र पर खासा दबदबा है। खजुराहो के मंदिर जहां देश-दुनिया के इतिहासकारों को आकर्षित करते हैं, वहीं इसी संसदीय क्षेत्र में आने वाला पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में बाघों का समृद्ध कुनबा समूचे देश में‘वाइल्ड लाइफ टूरिज्म’का एक अहम केंद्र है। खजुराहो में चांदला, राजनगर, पवई, गुन्नौर, पन्ना, विजयराघवगढ़, मुड़वारा और बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से छह सीटों पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। इस संसदीय क्षेत्र में पांचवें चरण में छह मई को मतदान होगा। 

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