दर्दनाक हादसा: झाबुआ से मजदूरी के लिए गुजरात गए परिवार के 3 बच्चे झोपड़ी में आग लगने से जिंदा जले

Edited By Jagdev Singh, Updated: 16 Feb, 2020 12:06 PM

tragic accident 3 child family jhabua gujarat wages burnt alive due fire hut

मध्य प्रदेश का एक परिवार गुजरात में दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। पोरबंदर जिले के हनुमानगढ़ में मजदूर परिवार की झोपड़ी में आग लगने से 3 बच्चों की मौत हो गई। मजदूर परिवार के लोग झाबुआ और आलीराजपुर जिले के थे, जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें दो भाई-बहन...

झाबुआ/राणापुर: मध्य प्रदेश का एक परिवार गुजरात में दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। पोरबंदर जिले के हनुमानगढ़ में मजदूर परिवार की झोपड़ी में आग लगने से 3 बच्चों की मौत हो गई। मजदूर परिवार के लोग झाबुआ और आलीराजपुर जिले के थे, जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें दो भाई-बहन आलीराजपुर जिले के सियाली के थे। तीसरा बच्चा झाबुआ जिले के हट्‌टीपुरा का था। मृत बच्चों में से एक के परिवार का आरोप है कि उसके पिता की पिछले साल आकस्मिक मौत हो गई थी। प्रशासन की ओर से संबल योजना में पैसा नहीं मिला तो बच्चे को लेकर मां मजदूरी के लिए गुजरात चली गई थी।

शुक्रवार को हादसे के समय बच्चों के परिवार के लोग मजदूरी पर गए हुए थे। पोस्टमाॅर्टम के बाद शवों को उनके गांव भेज दिया गया। शनिवार को बच्चों का अंतिम संस्कार उनके गांवों में किया गया। एक बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पंचायत अगर संबल योजना का लाभ दे देती तो विधवा मां को मजदूरी के लिए नहीं जाना पड़ता। वहीं इस हादसे में 4 साल की लक्ष्मी पिता दिलीप मसानिया निवासी मसानिया फलिया हट्‌टीपुरा। 4 साल के रवि पिता मुकेश बामनिया और उसकी 3 साल की बहन निर्मला निवासी बाबादेव फलिया सियाली।

वहीं 4 दिन के अंतराल में जिले के लोगों के साथ गुजरात में हुई ये दूसरी बड़ी दुर्घटना है। 11 फरवरी की रात पारा के पास के गांवों के मजदूरों से भरी पिकअप मेहसाणा जिले के खेरालु में सड़क से उतरकर पेड़ से टकरा गई थी। वहीं इस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी। 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ये मजदूर लोग कच्छ के नलियाना रामपुरा में पानी की टंकी बनाने के बाद हिम्मतनगर के सांबरकांठा जा रहे थे।

मृतक लक्ष्मी के परिवार वालों ने जानकारी देते हुए बताया कि मुकेश की मृत्यु पर पंचायत ने उसे संबल योजना का लाभ दिलाने में लापरवाही बरती। सरपंच, सचिव ने कागजात ही तैयार नहीं करवाए, जिससे परिवार शासन से मिलने वाले लाभ से वंचित रह गया। आर्थिक स्थिति कमजोर होने से लक्ष्मी की मां उसे व 2 वर्षीय बेटे को लेकर गुजरात मजदूरी करने दीवाली के बाद चली गई थी। बेटा उस समय झोपड़ी में नहीं था। क्षेत्र की ग्राम पंचायत भोरकुंडिया के सचिव मानसिंह से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। राणापुर जनपद पंचायत के सीईओ जोशुआ पीटर ने कहा, दिलीप की मौत के बाद योजना का लाभ क्यों नहीं मिला, इसकी जांच करेंगे। अगर किसी ने जान बूझकर ये किया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!