धार में दो मासूम चचरे भाई- बहन की भूसे की आग में झुलसने से मौत

Edited By Jagdev Singh, Updated: 06 Feb, 2020 12:37 PM

two innocent brothers sisters dhar died due scorching fire of straw

मध्य प्रदेश के धार जिले में दो मासूम चचेरे भाई-बहन की झुलसने से मौत हो गई। दोनों खेलते-खेलते बंद कमरे में टूटे दरवाजे से अंदर चले गए। कमरे में सुकला (भूसा) रखा था। खेल-खेल में माचिस से आग लगाई, जिससे सुकले में आग लग गई और दोनों अंदर ही दब गए। दोनों...

धार: मध्य प्रदेश के धार जिले में दो मासूम चचेरे भाई-बहन की झुलसने से मौत हो गई। दोनों खेलते-खेलते बंद कमरे में टूटे दरवाजे से अंदर चले गए। कमरे में सुकला (भूसा) रखा था। खेल-खेल में माचिस से आग लगाई, जिससे सुकले में आग लग गई और दोनों अंदर ही दब गए। दोनों ने निकलने का प्रयास किया, लेकिन धुआं होने से नहीं निकल पाए। धुआं उठता देख पड़ोसी और परिजन दौड़े। छत से चद्दर उखाड़कर कमरे में घुसे और दोनों बच्चों को बाहर निकाला। बाइक से ही जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। हालत देखकर उन्हें इंदौर रेफर किया, लेकिन कुछ घंटे बाद दोनों बच्चों ने दम तोड़ दिया। घटना बुधवार सुबह करीब 10 बजे तिरला के पर्वतपुरा में हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटू (3) पिता मेहर अपनी चचेरी बहन गौरी के साथ खेल रहा था।

कुछ परिजन काम करने चले गए थे, जबकि कुछ राशन दुकान पर गए थे। घर पर कोई नहीं था। अंदर एक कमरे में सुकला रखा था। छोटू और गौरी खेलते-खेलते दरवाज के टूटे हिस्से से अंदर चले गए। खेल- खेल में माचिस से आग लगा ली। इससे सुकला जल उठा। आग में दोनों झुलस गए। धुआं होने से वे बाहर नहीं निकल सके। ज्यादा धुआं उठने पर पड़ोसी व परिजन दौड़कर घर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद होने से छत से लोहे के चद्दर हटाकर अंदर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकाला। बाइक से ही धार जिला अस्पताल लाए। जहां डॉक्टर गिरीराज भूर्रा ने प्राथमिक इलाज के बाद इंदौर रैफर किया। डॉक्टर भूर्रा ने बताया कि बच्चे 80 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गए थे। 108 के कर्मचारी हंसराज गेहलोत ने बताया कि गंभीर घायलों बच्चों को इंदौर छोड़ा था, लेकिन कुछ घंटे बाद परिजनों का फोन आया था कि दोनों की मौत हो गई है।

वहीं परिजन ने बताया कि तेजाबाई नामक महिला बच्चों को बचाने के लिए छत से अंदर कूद गई थी। धुआं और आग होने से वह भी बच्चों को बचाने में झुलस गई। आग बुझाने के लिए पानी नहीं था। करीब 200 मीटर दूर हैंडपंप से पानी लाकर आग पर काबू पाया। एक दो लोग भी बच्चों को बचाने में झुलस गए।

जिला अस्पताल में गौरी अपनी मां की गोद में थी, जबकि छोटू दर्द से झटपटाता रहा था। दोनों 80 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गए थे। मां अपनी बेटी गौरी को बाहों में लेकर दुखी थी कि वह बेटी को अकेला क्यों छोड़ गई। छोटू की भी उसकी हालत देखकर रिश्तेदार सदमे में थे। प्राथमिक इलाज के बाद मां बेटी गौरी को कपड़े में लपेटकर लेकर गई, जबकि छोटू को उसकी महिला रिश्तेदार कपड़े में ढंककर 108 एंबुलेंस में ले गई, लेकिन इंदौर पहुंचने के बाद वही कपड़ा उन दोनों बच्चों का कफन बन गया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!