Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 17 Jan, 2019 07:01 PM
जिले के निवास विधानसभा के ग्राम महुआ में महिलाओं ने अपने शराबी पतियों की प्रताड़ना से तंग आकर एक समूह बनाया है। जो गुलाबी गैंग के नाम से मशहूर हो गया है। महिलाओं ने गांव में शराब पीने बेचने एवं अन्य तरीकों से...
मंडला: जिले के निवास विधानसभा के ग्राम महुआ में महिलाओं ने अपने शराबी पतियों की प्रताड़ना से तंग आकर एक समूह बनाया है। जो गुलाबी गैंग के नाम से मशहूर हो गया है। महिलाओं ने गांव में शराब पीने बेचने एवं अन्य तरीकों से शराब का सेवन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई व जुर्माना लगाने का फैसला लिया है।
नारी जब अपनी पर आ जाये तो अच्छे अच्छों की छुट्टी करा देती है। नारी शक्ति का यह उदाहरण निवास मुख्यालय से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत सतपहरी के पोषक ग्राम महुआ टोला का है। यहां महिलाओं ने संगठित हो शराब बंदी के लिए कमर कस ली हैं और संकल्प लिया है कि ग्राम में पूर्णतः शराब बंदी कराकर ही दम लेंगी।
ग्राम महुआ टोला पर लगभग 350 की आबादी है। जिनमें से अनेक पुरुष आए दिन शराब पीकर ग्राम में उत्पात मचाते रहते थे। इतना ही नहीं घरों पर जाकर अपने परिजनों से झगड़ा करना, बर्तन उठाकर पटकना और घर वालों से गालीगलौज करना शराब के लिए घर का राशन बेचना आदि घटनाए आम हो चुकी थी।
इन सारी ज्यादतियों से दुखी महिलाओं ने पंचायत में पूर्णरूप से शराब बन्द करने का मुद्दा उठाया। यह खबर सारे गांव में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते ग्राम की महिलाओ ने एक संगठन बनाया और सभी ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि अगर कोई भी ग्राम में शराब बेचता या पीता नजर आया तो उससे पांच हजार रूपए जुर्माना लिया जायेगा। इतना ही नहीं उसे कठोर सजा भी दी जाएगी। जिसका नतीजा यह हुआ कि शराबी गैंग बनने के बाद किसी भी प्रकार की नशाखोरी जैसी घटना सामने नहीं आई। वहीं ग्राम पंचायत सरपंच बारे लाल तेकाम ने भी इन महिलाओ के हौसले की तारीफ कर अपना समर्थन दिया है।