Edited By Vikas Tiwari, Updated: 11 Jul, 2021 06:00 PM
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महावैक्सीनेशन अभियान के दौरान 13 साल के लड़के और 12 साल की लड़की को कागज़ों में कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद अब भोपाल में ही एक और मामला सामने आया है। जहां पर पति-पत्नी द्वारा सेकंड डोज़ लगवाने के लिए मात्र रजिस्ट्रेशन...
भोपाल (इजहार हसन खान): मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महावैक्सीनेशन अभियान के दौरान 13 साल के लड़के और 12 साल की लड़की को कागज़ों में कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद अब भोपाल में ही एक और मामला सामने आया है। जहां पर पति-पत्नी द्वारा सेकंड डोज़ लगवाने के लिए मात्र रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद वैक्सीन लगवाने का मैसेज आ गया। यही नहीं, मैसेज के जरिए टीका लगवाने का सर्टिफिकेट भी मिल गया। जबकि दंपति का कहना है कि उन्होंने टीका लगवाया ही नहीं है। इसके बावजूद भी उनको टीका लगवाने का सर्टिफिकेट मिल गया है। अब दंपति पशोपेश में है कि जब उन्हें बिना टीका लगाए सेकंड डोज़ लगवाने का सर्टिफिकेट मिल गया, तो उनका बचा हुआ सेकंड डोज़ कैसे लगेगा।
दरअसल बैरसिया तहसील के हिनौती सड़क गांव के रहने वाले रामचरण नागर और उनकी पत्नी कृष्णा बाई नागर ने अपने कोरोना वैक्सीन के सेकंड डोज़ लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसके बाद उनको 10 जुलाई की डेट मिली थी, उनको ग्राम पंचायत धमर्रा जॉकर वैक्सीन लगवानी थी। मगर किन्ही कारणों से वह दोनों वैक्सीन लगवाने नहीं जा पाए। लेकिन 10 जुलाई को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनको सक्सेसफुली वैक्सीन लग गया है, और उस मैसेज के बाद उन्होंने सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो वह हैरान रह गए उनको बिना टीका लगाए हुए सर्टिफिकेट भी मिल गया। दंपति के पुत्र कमल नागर का कहना है कि उन्होंने अपने मम्मी पापा को कोरोना वैक्सीन का सेकंड डोज़ लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन वो किन्ही कारणों से उनको वैक्सीन लगवाने नहीं जा पाए। इसके बावजूद भी उनके मोबाइल पर वैक्सीन लगने का मेसेज आ गया। जिसके बाद मैंने वैक्सीन लगने का सार्टिफिकेट डाउनलोड किया। इस हिसाब से तो मेरे मम्मी पापा को सेकंड डोज़ लगना था, वो तो लग ही चुका है। यह कहीं ना कहीं बहुत बड़ी गड़बड़ी है। वहीं इस मामले में भोपाल एडीएम संदीप किरकेट्टा का कहना है कि ऐसा हो नहीं सकता है मैं चेक करवाता हूं।
गौरतलब है कि इससे पहले भोपाल में एक 13 साल के लड़के वेदांत को 56 साल का बताकर बिन वैक्सीन लगाए सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया था। वहीं एक 12 साल की लड़की मोहिनी को भी बिना वैक्सीन लगाए सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है। जबकि अभी 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं लग रही है। वहीं अब इन दोनों बच्चों को कागज़ों में वैक्सीन लगाने के बाद नागर दंपति को बिना वैक्सीन लगवाए सर्टिफिकेट मिल गया है। यह सभी घटनाएं कहीं ना कहीं इशारा करती हैं कि टारगेट को पूरा करने के चलते जल्दबाजी में गड़बड़ियां हो रही हैं या फिर जान-बूझकर इस तरह से टारगेट पूरा किया जा रहा है।