नवाब परिवार ने छुपाई जमीनों की जानकारी, अब होगी ये कार्रवाई

Edited By suman, Updated: 13 Feb, 2019 10:16 AM

vaib families begin preparations to bring information

राजधानी सहित सीहोर और रायसेन में भोपाल के तत्कालीन नवाब हमीदुल्ला खान की जमीनों को सरकारी दायरे में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए अब सरकार ने नवाब की जमीन को सीलिंग एक्ट के दायरे में लाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वर्ष-1971 की स्थिति...

भोपाल:  राजधानी सहित सीहोर और रायसेन में भोपाल के तत्कालीन नवाब हमीदुल्ला खान की जमीनों को सरकारी दायरे में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए अब सरकार ने नवाब की जमीन को सीलिंग एक्ट के दायरे में लाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वर्ष-1971 की स्थिति में तीनों जिलों के कलेक्टरों से खेती की जमीन का रिकार्ड का सर्वे कराया जा रहा है।

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इसके तहत भोपाल में करीब 800 एकड़ जमीन अभी भी नवाब परिवार के नाम पर दर्ज है। जबकि सीहोर और रायसेन में करीब तीन हजार एकड़ जमीन ऐसी है, जो सीलिंग के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। पहले चरण में रायसेन जिले की 721 एकड़ जमीन के मामले को सरकारी घोषित करने से पहले अपर आयुक्त राजेश जैन ने नवाब परिवार के वारिस शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान, सबा अली, सोहा अली खान को नोटिस जारी किया है।
 

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इनको 18 फरवरी तक अपना पक्ष रखना होगा। यह भी बताना होगा कि 1971 में जब सरकार ने सीलिंग एक्ट के तहत जमीनों की जो जानकारी मांगी थी, उस वक्त विवरणी में पूरी जानकारी भरकर क्यों नहीं दी गई।
 

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अफसरों की गलती के कारण सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई प्रॉपर्टी 
सरकार ने जमीदारी प्रथा को खत्म करने के लिए सीलिंग एक्ट 1961 लागू किया था। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जिसके पास 54 एकड़ से ज्यादा जमीन थी, उसको इसके दायरे में लाया गया था। इसी एक्ट के तहत भोपाल नवाब की निजी 133 प्रॉपर्टी को छोड़कर सबको इसके दायरे में ले लिया गया था। लेकिन अफसरों की गलती के चलते कुछ जमीनें सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थी। इसके लिए अब दोबारा सर्वे कराकर रिकॉर्ड को दुरुस्त किया जा रहा है।

 

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ऐसे पकड़ में आई गड़बड़ी 
पिछले दिनों रायसेन के ओबेदुल्लागंज में 721 एकड़ जमीन के नामांतरण की फाइल एसडीएम के पास पहुंची थी। इसका नामांतरण भी कर दिया गया। लेकिन जब यह फाइल दोबारा तहसीलदार के पास पहुंची तो उसने इसको खारिज कर दिया और इसकी जानकारी बैठक में संभागायुक्त को दी। इसके बाद से संभागायुक्त ने जानकारी जुटाई तो यह पता चला कि जिस जमीन का नामांतरण किया जा रहा था। वो नवाब प्रॉपर्टी है।

 

 

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