Edited By suman, Updated: 19 Oct, 2018 02:52 PM
विजयादशमी और दशहरे में जहां एक तरफ बुराई के प्रतिक रावण को जलाने की परंपरा है। वहीं मध्यप्रदेश के आगर मालवा में रावण को जलाया नहीं, बल्कि पत्थरों से मारा जाता है। आगर जिले के गांव तनोडिया
भोपाल: विजयादशमी और दशहरे में जहां एक तरफ बुराई के प्रतिक रावण को जलाने की परंपरा है। वहीं मध्यप्रदेश के आगर मालवा में रावण को जलाया नहीं, बल्कि पत्थरों से मारा जाता है। आगर जिले के गांव तनोडिया में मिट्टी के मटकों से बने रावण को पत्थरों से मारकर धराशायी किये जाने की परंपरा है. यहां गुरुवार की शाम को मिट्टी के मटकों से रावण बनाया गया।
जिसमें एक तरफ कुंभकर्ण व दुसरी तरफ मेघनाथ और बीच में रावण गुरुवार की शाम को ग्राम तनोडिया में बडा मंदिर से श्रीराम की शोभा यात्रा भंजन किर्तन के साथ निकली। यह यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई आगर - उज्जैन रोड स्थित रावण टेकरी पहुचीं। वहां महाआरती कर गांव के जागीरदार राव राजेन्द्रसिंह दरबार द्रारा सर्वप्रथम भाला से वार कर रावण को धराशायी कया गया। उसके बाद ग्रामीणों द्रारा पत्थरों से रावण को धराशायी किया।