Edited By Jagdev Singh, Updated: 16 Dec, 2019 04:28 PM
मंगलवार 17 दिसंबर को मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का 7 दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा, इसमें पांच बैठक होंगी। ये 15वीं विधानसभा का चौथा सत्र होगा। खास बात है ये की 17 दिसंबर को ही प्रदेश की...
भोपाल: मंगलवार 17 दिसंबर को मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का 7 दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा, इसमें पांच बैठक होंगी। ये 15वीं विधानसभा का चौथा सत्र होगा। खास बात है ये की 17 दिसंबर को ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार को एक साल पूरा होने जा रहा है। वहीं बीजेपी ने भी एक व्हिप जारी किया है जिसमें सभी विधायकों को जरुरी रुप में विधानसभा सत्र में शामिल होना होगा।
मंगलवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तैयारी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के विधायक दल की बैठक आज शाम को होगी। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम 6 बजे से होगी। इसमें बीजेपी के हमलों का जवाब देने की रणनीति पर चर्चा होगी। बीजेपी विधायक दल की बैठक प्रदेश कार्यालय में शाम 7 बजे से होगी। इसमें उन मुद्दों पर विचार किया जाएगा, जिनमें सरकार को घेरना है। मुख्य रूप से किसानों की समस्याओं, कर्जमाफी, कानून-व्यवस्था आदि पर फोकस रहेगा। इससे पहले बीजेपी अपने विधायकों को व्हिप जारी कर चुकी है।
विधानसभा में किसी भी मुद्दे पर मत-विभाजन की स्थिति आने की आशंका के चलते पार्टी ने विधायकों को पांचों दिन उपस्थिति रहने के लिए निर्देश दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस के स्थायी सचिव किशन पंत ने विधायकों को व्हिप जारी किया है। इसमें लिखा है कि 6 जनवरी को विधायक दल की अति महत्वपूर्ण बैठक है। इसके साथ ही विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति पूरे समय अनिवार्य है।
कांग्रेस सरकार विधानसभा में मीसाबंदी पेंशन को खत्म करने, किसानों की कर्जमाफी करने, अनुपूरक बजट सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव व विधेयक लाने जा रही है। इन प्रस्तावों के पारित होने में संख्या बल के कारण कोई अडंगा न आ सके, इसकी तैयारी कांग्रेस ने की है। कांग्रेस के पास स्वयं के 114 और समर्थन दे रहे बसपा, सपा, निर्दलीय मिलाकर कुल 121 विधायक हैं। जबकि, बीजेपी के पास 109 विधायक हैं।
बीजेपी ने भी जारी किया व्हिप
शीतकालीन सत्र से पहले भाजपा ने भी व्हिप जारी किया है। व्हिप जारी होने के बाद अब सभी विधायकों को सत्र के दौरान विधानसभा में अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा। मॉनसून सत्र में बीजेपी के नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने कांग्रेस के पाले में वोट कर दिया था। बीजेपी ने उस दौरान व्हिप जारी नहीं किया था लिहाजा विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। नारायण त्रिपाठी वापस बीजेपी में लौट आए और शरद कोल के सुर भी बदल गए हैं।
इसलिए अलर्ट है बीजेपी
शीतकालीन सत्र से पहले पवई विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता बहाल होने के बाद बीजेपी के खेमे में थोड़ी राहत जरूर है, लेकिन उससे ज्यादा सियासी गणित में कांग्रेस का पलड़ा कांतिलाल भूरिया की जीत के बाद भारी हो गया है। 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 और बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं, लेकिन झाबुआ उपचुनाव के बाद कांग्रेस की सीटों की संख्या 115 हो गई है। वहीं, बीजेपी विधायकों की संख्या एक कम होकर, 108 रह गई है।
बापू के लिए सदन में पहली बार ड्रेस कोड
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के किसी भी एक दिन सभी विधायक एक जैसा कुर्ता-पायजामा व जैकेट पहनेंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनकी याद में यह प्रयोग किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों के लिए ड्रेस कोड का प्रयोग हो चुका है।