Edited By Prashar, Updated: 17 Aug, 2018 01:31 PM
व्यापमं घोटाले के आरोपी अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन विनोद भंडारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने एक बार फिर जमानत देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को भंडारी ने जमानत के लिए आवेदन दिया था। गुरूवार को हुई सुनवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय की...
इंदौर : व्यापमं घोटाले के आरोपी अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन विनोद भंडारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने एक बार फिर जमानत देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को भंडारी ने जमानत के लिए आवेदन दिया था। गुरूवार को हुई सुनवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय की आपत्ति पर भंडारी को जमानत नहीं दी गई।
दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार कर चालान पेश करने के बाद विनोद भंडारी ने अपने आपको निर्दोष बताते हुए नियमित जमानत का आवेदन जिला कोर्ट में दिया था। जहां उसके आवेदन पर सुनवाई करते हुए एडीजे समरेश सिंह ने जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही कोर्ट ने भंडारी को 12 सितम्बर तक के लिए जेल भेज दिया है।
अपनी सफाई में भंडारी ने तर्क दिया था कि अप्रैल 2011 से सितम्बर 2011 के बीच की कमाई को लेकर जो केस बनाया गया है, उतने समय में वह अस्पताल और कॉलेज फीस से आई रकम थी लेकिन ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सही तरीके से यह रकम लगभग डेढ़ करोड़ रुपये होती है। जबकि भंडारी के अकाउंट में सात करोड़ रुपये जमा किया गए हैं।
हालांकि भंडारी ने अपने बचाव में यह पक्ष भी रखा कि पिता द्वारा दी गई हुंडी केश करवाने पर यह रकम आई थी, जो खाते में जमा करवाई गई थी लेकिन कोर्ट ने यह दलील यह कहते हुए खारिज कर दी कि इस बात को साबित करने के लिए कोई व्यक्ति मौजूद नहीं है। वहीं, भंडारी का पक्ष इसका कोई लाइसेंस भी नहीं दिखा सका।
गौरतलब है कि व्यापमं घोटाले के मामले में ईडी ने 13 जुलाई को कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। जिसमें विनोद भंडारी के साथ व्यापमं घोटाले का सरगना जगदीश सागर, पंकज त्रिवेदी और नितिन महिंद्रा भी शामिल हैं। उनके खिलाफ पेश किये गए चालान पर सितंबर से सुनवाई शुरू होगी।