Edited By suman, Updated: 04 Feb, 2019 04:55 PM
इंसानों की मौत के बाद शव यात्रा निकालना आम बात है। लेकिन बंदर की मौत के बाद उसकी शव यात्रा निकालना और रीति रिवाजो के अनुसार उसका संस्कार करना वाकई हैरानी वाली बात है। ऐसा ही एक हैरानजनक मामला सामने आया है मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी गांव में। यहां...
मंदसौर: इंसानों की मौत के बाद शव यात्रा निकालना आम बात है। लेकिन बंदर की मौत के बाद उसकी शव यात्रा निकालना और रीति रिवाजों के अनुसार उसका संस्कार करना वाकई हैरानी वाली बात है।
ऐसा ही एक हैरानजनक मामला सामने आया है मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी गांव में। यहां लोग बंदर को हनुमान का रूप मानते हैं। लोगों की बंदर में इस कदर आस्था है कि उसकी शव यात्रा में कंधा देने वालों लोगों ने मुण्डन तक करा दिया।
बंदर का हुआ विधि विधान से संस्कार
दरअसल, कुम्हार मोहल्ले में एक बंदर करंट लगने से नीचे आ गिरा। जिसके बाद स्थानीय निवासियों ने डॉक्टर को बुलाकर उपचार कराने की कोशिश की। लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद लोगो ने बंदर का हिंदू मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार किया। तीसरे पर लोगो मुंडन कराया और तेहरवें पर बाकायदा भंडारा भी कराया।
बंदर है बजरंगबली का रूप
धार्मिक भावना के चलते हुए इस कार्यक्रम के आयोजकों का मानना है कि बंदर बजरंगबली का ही रूप है और मानव सभ्यता के इतिहास के मद्देनजर बंदर हमारे पूर्वज भी है। बंदर को मानव मानकर अंत्येष्टि किया जाना लोगों की धर्म के प्रति आस्था और पशु के प्रति सकारात्मक सोच को साफ दर्शाता है।