Edited By suman, Updated: 21 Feb, 2019 01:34 PM
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के मनासा हत्याकांड के दोषी जगदीश की फांसी की सज़ा को उम्र क़ैद में बदल दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वो मरते दम तक जेल में रहेगा । मनासा का रहने वाला जगदीश अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या का दोषी है। उसे अपनी...
भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के मनासा हत्याकांड के दोषी जगदीश की फांसी की सज़ा को उम्र क़ैद में बदल दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वो मरते दम तक जेल में रहेगा । मनासा का रहने वाला जगदीश अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या का दोषी है। उसे अपनी पत्नी के चाल-चलन पर शक था। इसी बात पर दोनों में रोज झगड़ा होता था। झगड़ा और शक इतना गहराया कि जगदीश ने पत्नी और 5 बच्चों की हत्या कर दी।
पत्नी और पांच बच्चो ंकी कर डाली हत्या
ये जघन्य हत्याकांड 20 अगस्त 2005 की रात को अंजाम दिया गया। वारदात वाले दिन जगदीश रात में घर लौटा और अपनी पत्नी अमरीबाई की गला रेत कर हत्या कर दी। उसके बाद उसने एक-एक कर अपने पांचों बच्चों को मौत के घाट उतार दिया।
फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला गया
इस हत्याकांड से पूरा प्रदेश दहल उठा था। मामला अदालत में पहुंचा औऱ जगदीश को निचली अदालत ने दोषी पाया। कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने भी उसे दोषी पाते हुए फांसी की सजा बरकरार रखी। इसके बाद जगदीश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। उस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- जगदीश मरते दम तक जेल में रहेगा।