Edited By suman, Updated: 19 Jul, 2018 12:16 PM
जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं के बुरे हाल है। इन्हीं में से एक है बकस्वाहा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, साधन सुविधाओं के अभाव में अस्पताल की हालत भी बीमार जैसी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बकस्वाहा में बिगड़ी स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा इस बात से...
छतरपुर : जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं के बुरे हाल है। इन्हीं में से एक है बकस्वाहा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। यहां सुविधाओं के अभाव में अस्पताल की हालत भी बीमार जैसी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बकस्वाहा में बिगड़ी स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है जब प्रसव पीड़ा से तड़पती मीरा कुशवाहा को उसका पति जगदीश कुशवाहा अपनी बैलगाड़ी से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा था। यहां डॉक्टर नहीं मिले और नर्सों ने उसका इलाज नहीं किया। इसके बाद महिला का पति काफी देर तक एंबुलेंस और जननी वाहन को तलाशता रहा लेकिन उसे यह सुविधा नहीं मिली।
मजबूरी में वह किसी तरह अपनी पत्नी को जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा, तब उसकी जान बच सकी। कुछ समय पहले ग्राम शाहपुरा से एक युवक साईकिल पर अपनी गर्भवती पत्नी को बैठाकर प्रसव के लिए लाया था, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले और मजबूर होकर जोखिमपूर्ण तरीके से साईकिल से ही अपनी पत्नी को निजी अस्पताल में लेकर चला गया। इसी तरह प्रतिदिन दर्जनों मामले अस्पताल में आते हैं पर न डॉक्टर मिलते हैं, न नर्सें काम आती हैं। ऐसे में या तो नीम हकीम डॉक्टर अपने इलाज से उनकी किस्मत तय करते हैं या फिर गंभीर हालत में उन्हें बकस्वाहा से 100 किमी दूर स्थित जिला चिकित्सालय में इलाज मिल पाता है।