Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 31 Oct, 2018 04:58 PM
इंदौर: डॉक्टर को भगवान कहा जाता है लेकिन अगर वहीं इंसानों से ज्यादती करने लगे तो आम इंसान से आप क्या अपेक्षा कर सकते हैं। ऐसा ही एक मामला पीथमपुर हॉस्पिटल का सामने आया है। यहां रंजना नाम की महिला जो पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिभा सिंटैक्स कंपनी...
इंदौर: डॉक्टर को भगवान कहा जाता है लेकिन अगर वहीं इंसानों से ज्यादती करने लगे तो आम इंसान से आप क्या अपेक्षा कर सकते हैं। ऐसा ही एक मामला पीथमपुर हॉस्पिटल का सामने आया है। यहां रंजना नाम की महिला जो पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिभा सिंटैक्स कंपनी में काम करती है स्वस्थ्य बिगड़ने पर अपना इलाज करवाने अस्पसाल पहुंची। डॉक्टरों द्वारा रंजना द्विवेदी को ईएसआईसी के तहत भर्ती कर इलाज शुरू किया।
इलाज के दौरान डॉक्टर तड़ित खरे और रंजना के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई और बात इतनी बढ़ गई कि महिला को डिस्चार्ज करवाकर उसके परिजन महू के निजी अस्पताल ले गए। दोनो पक्षों में हाथापाई हो गई थी और विवाद इतना बढ़ गया कि मामला पीथमपुर थाने पहुंच गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार पीथमपुर टीआई कमलेश शर्मा ने तत्काल कार्यवाही करते हुए विनोद द्विवेदी की शिकायत पर आरोपी डॉक्टर तड़ित खरे व अन्य साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है ।
जब आरोपी डॉक्टर से पूछताछ की गई तो उसने महिला से पारपीट की बात को पूरी तरह नकार दिया और कहा कि महिला के परिजनो ने ही अस्पताल पर हमला करके मारपीट की थी। इस बारे में जब रंजना से पूछा गया तो उसने कहा कि झगड़ा डिस्चार्ज कार्ड को लेकर हुआ था।