नहीं रहा पत्रकारिता का बेबाक चेहरा, कल्पेश याग्निक को श्रद्धांजलि

Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 13 Jul, 2018 04:47 PM

a journalistic face tribute to kalpesh yagnik

देश के जाने माने पत्रकार और दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक ने दूनिया का अलविदा कह दिया। गुरुवार रात करीब साढ़े 10 बजे इंदौर स्थित भास्कर के दफ्तर में काम के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। तत्काल उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया। करीब...

मध्यप्रदेश (इंदौर): देश के जाने माने पत्रकार और दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक ने दूनिया का अलविदा कह दिया। गुरुवार रात करीब साढ़े 10 बजे इंदौर स्थित भास्कर के दफ्तर में काम के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। तत्काल उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया। करीब साढ़े तीन घंटे तक उनका इलाज चला, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक, इलाज के दौरान ही उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ा। रात करीब 2 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को इंदौर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। भाई नीरज याग्निक ने मुखाग्नि दी। वे 55 वर्ष के थे। याग्निक अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं, मां प्रतिभा याग्निक, पत्नी भारती, बड़ी बेटी शेरना, छोटी बेटी शौर्या, भाई नीरज और अनुराग पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। पंजाब केसरी इस दुख की घड़ी में याग्निक परिवार के साथ है।

संवेदनशील मुद्दो की आवाज
हर संवेदनशील मुद्दों पर लिखने कल्पेश याग्निक हमेशा तैयार रहे, उनकी लेखनी हर वक्त समाज को नई सोच देने का काम किया। कल्पेशजी जन्म 21 जून 1963 को हुआ। 1998 से दैनिक भास्कर समूह से जुड़े थे। उनकी प्रतिभा केवल कलम से नहीं बल्कि प्रखर वक्ता के रुप में भी देखने को मिली। बेबाक व निष्पक्ष लेखन शैली का नमुना हर शनिवार दैनिक भास्कर के अंक में प्रकाशित होने वाले उनके कॉलम ‘असंभव के विरुद्ध’ में भी देखने को मिलता रहा।

राजनीतिक गलियारा भी हुआ गमगीन
कल्पेश याग्निक का स्वभाव बहुत ही सरल था, हर कोई उनके व्यवहार और कार्यशैली का कायल रहा। चाहे वो परिवार हो, दोस्त हों, साथ काम करने वाले साथी हों या फिर राजनीति के बड़े चेहरे। हर कोई उनके निकट रहना चाहता था। अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कल्पेशजी का जाना अपूरणीय​ क्षति:  "कल्पेशजी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च आदर्श स्थापित किए, उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं वक्त करता हूं।"
 


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, "बेबाक लेखन के पर्याय वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को श्रद्धांजलि। राष्ट्रभक्ति के दृढ़ संकल्प से सिंचित प्रखर विचारों से आप हमारे दिल में अमर रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को पीड़ा की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।" 

 


राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, ''पत्रकारिता जगत में अपनी लेखनी से उच्च आदर्श स्थापित करने वाले कल्पेशजी का निधन अपूरणीय क्षति है।''

 

 

 

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, ‘‘श्री कल्पेश याग्निक का असामयिक निधन पत्रकारिता जगत, भास्कर पत्र समूह एवं परिजनों के लिए अपूरणीय क्षति है।’’

 

 

 


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी कल्पेशजी के निधन को अपूरणीय क्षति बताया।

 

इन्होंने भी दी श्रद्धांजलि : वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, डॉ. हर्षवर्धन,धर्मेंद्र प्रधान, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल, मध्य प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह, डॉ. नरोत्तम मिश्रा और पारस जैन, राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, फिल्म डायरेक्टर अशोक पंडित ने भी कल्पेशजी को श्रद्धांजलि दी।

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