MP की इस जगह पर दिलीप कुमार ने उड़ाईं थी वैजयंती माला की 'जुल्फें', वो रास्ता जहां दौड़ाया था तांगा.

Edited By meena, Updated: 07 Jul, 2021 02:17 PM

actor dilip kumar s connection to madhya pradesh hindi

फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेजडी किंग आज सदा सदा के लिए अलविदा कह गए। लेकिन उनकी कई यादें मध्य प्रदेश में हमेशा जिंदा रहेगी। जब कभी भी उड़े जब जब जुल्फें तेरी बजेगा तो मध्य प्रदेश के बुधनी की याद दिलाएगा। क्योंकि उनकी क्लासिक फिल्म ''नया दौर'' की शूटिंग...

मध्य प्रदेश डेस्क: फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेजडी किंग आज सदा सदा के लिए अलविदा कह गए। लेकिन उनकी कई यादें मध्य प्रदेश में हमेशा जिंदा रहेगी। जब कभी भी उड़े जब जब जुल्फें तेरी बजेगा तो मध्य प्रदेश के बुधनी की याद दिलाएगा। क्योंकि उनकी क्लासिक फिल्म 'नया दौर' की शूटिंग सीहोर जिले स्थित बुधनी के जंगलों में हुई थी। नया दौर की शूटिंग बुदनी स्टेशन, भोपाल रोड, रेस्ट हाउस समेत आधा दर्जन से अधिक लोकेशन पर हुई थी।

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जी हां हम बात कर रहें है दिलीप कुमार की सुपरहिट फिल्म नया दौर की जिसकी शूटिंग भोपाल से सटे सीहोर जिले के बुधनी में हुई थी। दिलीप कुमार की वैजयंती माला स्टारर क्लासिक फिल्म नया दौर वही फिल्माई गई थी। फिल्म को 1957 में रिलीज किया गया था। फिल्म की शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया गया रपटा और रास्ता आज भी जंगलों में मौजूद है, जिस पर दिलीप कुमार ने शूटिंग के दौरान तांगा दौड़ाया था और उड़े जब जब जुल्फें तेरी गाना फिल्माया था।  खास बात यह कि वहां कुछ भी आर्टिफिशल नहीं था। भले ही आज बुधनी में आसपास कई गांव बस गए हैं और सब कुछ बदल गया है लेकिन उस समय में यह इलाका फिल्म की शूटिंग के लिए पूरी तरह से कुदरती रुप में अनुकूल था। फिल्म के गीत उड़े जब-जब जुल्फें तेरी आज भी लोगों के जुबान पर है। इस गाने को 64 साल हो गए हैं। लेकिन आज भी गानें की धुन मन को छू लेती है।

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नया दौर की पूरी शूटिंग 1956-57 में हुई थी। बताया जा रहा है कि फिल्म के डायरेक्टर बीआर चौपड़ा जब बुदनी स्टेशन से गुजर रहे थे, तो यह लोकेशन उनको बहुत पसंद आई। उन्होंने तभी तय कर लिया कि नया दौर की शूटिंग वे इसी लोकेशन पर करने आएंगे। वे बिना देरी किए अपनी टीम लेकर मध्य प्रदेश पहुंचे। क्रू मेंबर इसके लिए आठ महीने तक इन जंगलों में रहे थे। इसके अलावा एक अन्य फिल्म की शूटिंग मध्यप्रदेश के नरसिंहगढ़ में हुई थी। जहां उमठ परमार राजवंश का करीब 320 साल पुराने किले में कई सीन फिल्माए गए थे। फिल्म के कई सीन नरसिंहगढ़ के किले, जलमंदिर, कोटरा के साथ देवगढ़, कंतोड़ा, रामगढ़ के जंगल, गऊ घाटी के हिस्से फिल्माए गए थे।

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बता दें कि दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 98 साल के थे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन को कभी न पूरा होने वाली घाटा बताया और श्रद्धांजलि दी। हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रेजेडी किंग' के नाम से मशहूर हुए दिलीप कुमार मंगलवार से हिंदुजा अस्पताल की गैर-कोविड गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती थे। हिंदी फिल्मों के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में गिने जाने वाले दिलीप कुमार ने 1944 में ‘ज्वार भाटा' फिल्म से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी और अपने पांच दशक लंबे कॅरियर में ‘मुगल-ए-आजम', ‘देवदास', ‘नया दौर' तथा ‘राम और श्याम' जैसी अनेक हिट फिल्में दीं। वह आखिरी बार 1998 में आई फिल्म ‘किला' में नजर आए थे। 

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