Edited By Prashar, Updated: 03 Sep, 2018 03:31 PM
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा पर हुए पथराव ने राजनीतिक रूप ले लिया है। एक तरफ जहां प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए इसे मुख्यमंत्री शिवराज की हत्या करवाना करार दिया है वहीं, कांग्रेस...
सीधी: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा पर हुए पथराव ने राजनीतिक रूप ले लिया है। एक तरफ जहां प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए इसे मुख्यमंत्री शिवराज की हत्या करवाना करार दिया है वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने घटना को निंदनीय बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है।
दरअसल गृहमंत्री ने बयान दिया है कि सीधी में हुई घटना मात्र पत्थरबाजी नहीं थी बल्कि यह कांग्रसियों द्वारा सीएम की हत्या करवाने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने वाले सभी आरोपी कांग्रेसी थे। इस मामले में अभी तक आठ कांग्रेसियों समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद सीएम की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
मामले की होगी निष्पक्ष जांच- कमलनाथ
वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और जो कोई भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला ?
दरअस सीधी जिले के चुरहट में जन आशीर्वाद यात्रा का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए और उनके रथ पर पथराव किया। चुरहट में जब जन आशीर्वाद पर पथराव हुआ तब सीएम शिवराज रथ के अंदर ही मौजूद थे। घटना के दौरान पुलिस ने तत्काल चारों ओर से रथ को घेर लिया और मामले की जांच में जुट गई।
CM की प्रदर्शनकारियों को दी थी चुनौती
वहीं, चुरहट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदर्शनकारियों को एक तरह से चुनौती देते हुए कहा, 'छुपकर पत्थर फेंकने वालों में अगर ताकत है तो सामने से मुकाबला करो। मैं तो शरीर से बहुत कमजोर हूं, लेकिन तुम्हारी हरकतों से रत्तीभर डरने वाला नहीं हूं, मेरे साथ प्रदेश की जनता खड़ी है।'
BJP के आरोप पर कांग्रेस ने दिया था बयान
वहीं, चुरहट से विधायक और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इसे बदनाम करने की साजिश करार दिया है। विधानसभा में उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा, 'ये चुरहट की जनता और मुझे बदनाम करने की साज़िश है। ये घटना बेहद निंदनीय है और इसमें कांग्रेस का कोई हाथ नहीं है।