Edited By meena, Updated: 22 Apr, 2021 01:27 PM
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के संजय गांधी अस्पताल से एक बेहद संवेदनशील मामला सामने आया है। जहां बीएसएफ का एक जवान कोरोना संक्रमित अपनी पत्नी को लेकर 8 घंटों तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाता रहा। जवान ने लोगों से मदद मांगी मगर उसे सुनने...
रीवा(भूपेंद्र सिंह): मध्य प्रदेश के रीवा जिले के संजय गांधी अस्पताल से एक बेहद संवेदनशील मामला सामने आया है। जहां बीएसएफ का एक जवान कोरोना संक्रमित अपनी पत्नी को लेकर 8 घंटों तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाता रहा। जवान ने लोगों से मदद मांगी मगर उसे सुनने सुनाने वाला कोई नजर नहीं आया। अंततः 8 घंटे बाद मीडिया की दखल के बाद जवान की पत्नी को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बढ़ते कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां लोग खुद को बचाने में मशगूल हो गए हैं। वही इस संक्रमण ने मानवता को भी संक्रमित कर दिया है तथा लोग अब किसी की मदद करने की बजाय उसे गुमराह करने में लग जाते हैं। ऐसा ही इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला रीवा से सामने आया है। जहां बीएसएफ का एक जवान अपनी कोरोना संक्रमित पत्नी को लेकर 8 घंटे तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटता रहा और उसे सही रास्ता दिखाने वाला कोई ना मिला। सभी अस्पताल वाले ऑक्सीजन की कमी का कहकर उसे एक से दूसरे अस्पताल भेजते रहे।
दरअसल कोरोना संक्रमण के इस दूसरे दौर में स्थिति काफी भयावह हो गई है जिससे यह संक्रमण काफी हद तक लोगों को अपनी जद में लेता चला जा रहा है जिससे पीड़ित होकर संजय गांधी अस्पताल पहुंचे बीएसएफ के जवान को भी अपनी पत्नी को भर्ती कराने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।
बताया जा रहा है कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स त्रिपुरा में तैनात सीधी जिले के रहने वाले विनोद तिवारी की पत्नी अचानक कोरोनावायरस की चपेट में आ गई जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए बीएसएफ का जवान रीवा आया और फिर उसे जिम्मेदारों के द्वारा तकरीबन 8 घंटे तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर कटवाने के लिए छोड़ दिया गया जिसके बाद थक हार कर सिस्टम से परेशान बीएसएफ के जवान ने आशा भरी नजरों से मीडिया के लोगों से मदद की गुहार लगाई तब मीडिया की टीम ने अस्पताल प्रबंधन से बात करते हुए जवान की पत्नी को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया।
बीएसएफ जवान विनोद तिवारी का कहना है कि पत्नी के संक्रमित होने की खबर जैसे ही उन्हें लगी तो वह ड्यूटी से 4 दिनों की छुट्टी लेकर उसके इलाज के लिए घर आए हैं लेकिन सरकारी सिस्टम की नाकामी ने उन्हें भी परेशान कर दिया, हालांकि इस पूरे मामले को लेकर जब मीडिया की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।