Edited By suman, Updated: 23 Feb, 2019 10:53 AM
पुलवामा हमले के बाद देश भर में गुस्सा और आक्रोश है और आतंकवादियों और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग कर रहा है। हालांकि भारत सरकार ने इस हमले के बाद ही सेना को फ्री हैंड दे दिया है। वहीं पुलवामा हमले के बाद केन्द्र सरकार द्वारा कोई कारगर...
भोपाल: पुलवामा हमले के बाद देश भर में गुस्सा और आक्रोश है और आतंकवादियों और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग कर रहा है। हालांकि भारत सरकार ने इस हमले के बाद ही सेना को फ्री हैंड दे दिया है। वहीं पुलवामा हमले के बाद केन्द्र सरकार द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाए जाने से मोदी सरकार कांग्रेस के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 'पुलवामा घटना के बाद भी मोदी शूटिंग करते रहे। वहीं 56 इंच के सीने पर तंज कस्ते हुए कहा कि 'मैं आज तक समझ नहीं पाया हूं कि उनका सीना नापा किसने है'।
पुलवामा हंमले को लेकर मोदी गंभीर नहीं- दिग्विजय
दरअसल, दिग्विजय सिंह धार में कांग्रेस नेता मोहनसिंह बुंदेला के निधन शोक संवेदना प्रकट करने आए थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 'मोदी इस मामले में बिलकुल गंभीर नहीं है न उन्होंने राष्ट्रीय शोक घोषित किया और न ही कोई अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाया'। पत्रकारों से चर्चा करते हुए दिग्विजय ने कहा 'जिस गंभीरता से प्रधानमंत्री को ये घटना लेनी चाहिए थी, उस गंभीरता से उन्होंने नहीं ली। जिस दिन यह घटना हुई लगभग साढे तीन बजे जानकारी मिल गई थी। ये कोर्बेट पार्क में थे। इनकी फिल्म की शूटिंग हो रही थी।'
दिग्विजय ने कहा इमर्जेंसी होने के नाते तत्काल सारे काम छोड़कर उनको दिल्ली आना था। इतनी बड़ी घटना पर राष्ट्रीय शोक घोषित करना था। इमर्जेंसी में नेशनल स्क्योरिटी कैबिनेट को तत्काल बुलाना चाहिए था, लेकिन नहीं किया'। आगे कहा कि 'इतना बड़ा कारवां जा रहा था और जैश -ए-मोहम्मद ने घोषणा कर दी थी कि ये सुसाईड बोम्बिंग होगी। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कांग्रेस नहीं करती समझौता
आरोपों की झड़ी को जारी रखते हुए सिंह ने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी इस पर कभी राजनीति नहीं करती। आतंकवाद से जितना नुकसान कांग्रेस को हुआ इतना किसी को नहीं हुआ। इंदिरा गांधी आतंकवाद की शिकार हुईं। राजीव गांधीजी आतंकवाद के शिकार हुए। तो कांग्रेस पार्टी कभी समझौता नहीं करती। ये मसुद अजहर को स्वयं जसवंतसिंह और अजीत डोबाल छोड़ने गए थे, अफगानिस्तान और इसी मसुद अजहर ने ये घटना कर दी।