विवाहित बेटियों को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति, जबलपुर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Edited By meena, Updated: 14 Mar, 2021 04:53 PM

historical decision of jabalpur high court

मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट ने विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने का अधिकार दिया है। एक मामले पर सुनवाई के बाद जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पुलिस मुख्यालय के उस आदेश निरस्त कर दिया है जिसमें दिवंगत...

जबलपुर: मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट ने विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने का अधिकार दिया है। एक मामले पर सुनवाई के बाद जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पुलिस मुख्यालय के उस आदेश निरस्त कर दिया है जिसमें दिवंगत कर्मी की विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपात्र ठहराया गया था। दरअसल, सुहागी की रहने वाली प्रीति सिंह ने कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें उसने बताया था कि उनकी मां मोहनी सिंह सतना जिले के कोलगवां थाने में एएसआई पद पर तैनात थीं। 23 अक्टूबर 2014 को ड्यूटी जाते समय उनकी मृत्यु हो गई थी। वे दो बहनें ही हैं और दोनों की शादी हो चुकी है। मां की मौत के बाद प्रीति सिंह ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था लेकिन पुलिस मुख्यालय ने उन्हें अपात्र घोषित कर दिया। 22 जनवरी 2015 पुलिस मुख्यालय ने एक पत्र जारी करते हुए अनुकंपा नियुक्ति नीति पैराग्राफ 2.4 का हवाला देते हुए कहा कि विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। इसके बाद पीड़िता कोर्ट में केस किया। अब न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत किसी के साथ भी महिला होने के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। वहीं अंतिम सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपात्र ठहराने का आदेश निरस्त कर दिया।

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