Edited By Vikas kumar, Updated: 23 Dec, 2018 04:13 PM
मध्यप्रदेश की भोपाल जेल में फर्जी पासपोर्ट मामले में 10 सालों से सजा काट रहे पाकिस्तानी नागरिक इमरान वारसी अब अपने मुल्क वापस जा रहे हैं। इमरान को सजा पूरी हो जाने पर कुछ महीनों से भोपाल के शाहजहांनाबाद थाने में रखा गया है। आधिकारिक सूत्रों के...
भोपाल: मध्यप्रदेश की भोपाल जेल में फर्जी पासपोर्ट मामले में 10 सालों से सजा काट रहे पाकिस्तानी नागरिक इमरान वारसी अब अपने मुल्क वापस जा रहे हैं। इमरान को सजा पूरी हो जाने पर कुछ महीनों से भोपाल के शाहजहांनाबाद थाने में रखा गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इमरान वारसी की 26 दिसंबर घर वापसी हो सकती है। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए इमरान ने कहा कि, उसे अपने घर जाने की बेहद खुशी है। उसने कहा कि, भारत में मीडिया ने उसकी बहुत मदद की और जेल में भी अधिकारियों ने बहुत सपोर्ट किया है।
'भारत में मुझे बहुत प्यार मिला'
10 साल बाद अपने वतन लौट रहे इमरान ने कहा कि, कैदी होने के बावजूद भारत में उसके साथ अच्छा बर्ताव किया गया, यहां के लोगों के व्यवहार से तो मुझे लगा ही नहीं कि मैं परिवार से दूर हूं, एक दर्द तो था कि मैं अपने घर से दूर हूं मगर दूसरे देश में भी अगर अच्छे लोग मिल जाएं तो दर्द कम होता है।
कोलकाता में रिश्तेदारों के कारण होता था आना-जाना
इमरान ने भारत आने की वजह पर कहा कि, कोलकाता में उसकी जमीन जायदाद है। उसने कहा कि, कोलकाता में अभी उसके मामा, चाचा, खाला और उसकी पत्नी भी है। इसलिए उसका यहां आना-जाना लगा रहता था। लेकिन 2008 में फर्जी पासपोर्ट के चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
नहीं पता कि पत्नी और बच्चे कहां हैं ?
इमरान वारसी ने कहा कि उसे नहीं मालूम की उसके पत्नी और बच्चे कहां हैं और किस हालत में हैं। इमरान ने कहा कि, मै पाकिस्तान के कराची शहर के गुलशन इकबाल में रहता हूं, मैं वहां एयरपोर्ट पर टाइम कीपर था, फिर इधर आना हुआ तो मुझे लड़की पसंद आ गई और मैंने शादी कर ली। उस बीच में मेरे दो बेटे हो गए उसके बाद मुझे जेल हो गई, जब मैं पाकिस्तान से भारत आया था तब मेरी उम्र 26 साल थी अब 40 हो गई है।'
दोनों देशों से की अपील
इमरान ने कहा कि दोनों मुल्कों के बीच कानूनी दिक्कतों में फंसे लोगों को जल्द से जल्द छोड़ा जाना चाहिए। इमरान वारसी ने कहा कि, इतने साल तक परिवार से अलग रहने के बाद अब समझ में आ रहा है कि, परिवार से अलग होकर रहने का दुख क्या होता है। अंत में इमरान ने कहा कि, भारत और पाकिस्तान की सरकारों को आपस में बात करनी चाहिए ताकि दोनों देशों में जेल में बंद कैदी अपने घर जा पाएं।
बता दें कि, कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान ने भारत के हामिद अंसारी को रिहा किया था। पाकिस्तान के इस कदम के बाद भारत ने भी इमरान वारसी को छोड़ने का फैसला किया है। इमरान वारसी 26 दिसंबर को वाघा-अटारी बॉर्डर के सहारे पाकिस्तान जा सकते हैं।