Edited By suman, Updated: 28 Jan, 2019 02:52 PM
गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का संदेश ना पढ़ पाने वाली कैबिनेट मंत्री इमरती देवी की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है। इस घटनाक्रम के बाद उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठने लगे है। हर कोई उनकी शैक्षणिक योग्यता जानने में लगा हुआ है। हालांंकि...
भोपाल: गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का संदेश ना पढ़ पाने वाली कैबिनेट मंत्री इमरती देवी की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है। इस घटनाक्रम के बाद उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठने लगे है। हर कोई उनकी शैक्षणिक योग्यता जानने में लगा हुआ है। हालांंकि विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई जानकारी में उन्होंने खुद को भिंड के एक सरकारी स्कूल से राज्य ओपन बोर्ड की हायर सेकंडरी परीक्षा पास होना बताया है। अब सवाल ये है कि जब मंत्री हायर सेकंडरी पास है तो वो संदेश क्यों नही पढ़ पाईं।
वित्तमंत्री पर भी उठ चुके हैं सवाल
इससे पहले वित्तमंत्री तरुण भनोट की शिक्षा को लेकर सवाल उठे थे। 2018 के हालिया चुनाव के हलफनामे के मुताबिक इमरती देवी ने 2009 में भिंड के एक सरकारी स्कूल से राज्य ओपन बोर्ड की हायर सेकंडरी परीक्षा पास होना बताया है। 2013 के चुनावी हलफनामे में भी यही जानकारी है। लेकिन 2008 में जब वे पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थीं, उस समय वाले हलफनामे में भी उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल से हायर सेकंडरी पास होना बताया था। लेकिन इसमें पासिंग ईयर का जिक्र नहीं हैं। ऐसे मे अब उनकी शिक्षा पर सवाल उठने लगे है। हर कोई यह जानने में लगा है कि आखिर मंत्री जी कहां तक पढ़ी हुई है, जो वो संदेश नही पढ़ पाईं।
इस वजह से चर्चाओं में है मंत्री इमरती देवी
दरअसल, 26 जनवरी को इमरती देवी ग्वालियर जिला मुख्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने पहुंची थीं। कार्यक्रम के दौरान उन्हें वहां मौजूद लोगों को संबोधित करना था। हालांकि जैसे ही वह पोडियम पर भाषण पढ़ने आईं, वह उसे पढ़ने में अटकने लगीं। पास ही खड़े कलेक्टर ने उनकी मदद करनी चाही, जिसके बाद मंत्री ने कलेक्टर को ही भाषण पढ़ने के लिए दे दिया और खुद नीचे उतर गईं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुआ था और कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल पर सवाल भी उठे थे। हालांकि विवाद बढ़ने पर मंत्री इमरती देवी ने सफाई भी दी है। उन्होंने कहा 'मैं पिछले दो दिनों से बीमार थी। ज्यादा देर खड़े होने पर तकलीफ होती है। आंखों के सामने अंधेरा छाने के कारण संदेश नहीं पढ़ सकी। आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं। लेकिन सबकुछ ठीक है। कलेक्टर ने सही तरीके से मेरे भाषण को पढ़ा।'
भारत में डिग्री विवाद कोई नया नहीं
भारतीय राजनेताओं की शिक्षा पर विवाद खड़ा होना कोई नया नहीं है। इमरती देवी तो मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री हैं खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शिक्षा कहां से हुई इस पर बीते पांच सालों से रहस्य बरकरार है। तो दिल्ली सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कुर्सी इसलिए चली गई कि उनकी डिग्री फर्जी थी। वहीं, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री पर भी सवाल उठे थे।