Edited By Vikas Tiwari, Updated: 07 Dec, 2021 07:45 PM
पैसों के मामले में तो देश के ज्यादातर लोग अंबानी का ही नाम जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजनीति का अंबानी कौन है? नहीं... तो ये आर्टिकल आप पूरा पढ़िए, क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय राजनीति का महाराजा कौन है। कौन है वो राजनेता जिसके...
मध्यप्रदेश डेस्क (विकास तिवारी): पैसों के मामले में तो देश के ज्यादातर लोग अंबानी का ही नाम जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजनीति का अंबानी कौन है? नहीं... तो ये आर्टिकल आप पूरा पढ़िए, क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय राजनीति का महाराजा कौन है। कौन है वो राजनेता जिसके नाम है हजारों करोड़ों की संपत्ति।
वो नेता कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। जी हां ... ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लगभग हर देश वासी जानता है, इन्हें मध्यप्रदेश में महाराज भी कहा जाता है। महाराज इसलिए क्योंकि इतिहास के पन्नों में सिंधिया राजवंश के राजा को महाराज कहा जाता था, और उसी राजवंश के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब महाराज कहलाते हैं। एक अनुमान के अनुसार उनके पास कुल 379 करोड़ की संपत्ति मौजूद है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनकी संपत्ति उनके पुरखों से मिली है। जबकि बाकी संपत्ति खुद सिंधिया ने अर्जित की है। इसके अलावा महाराष्ट्र में श्रीगोंड़ा में 19 एकड़ और लिंबन गांव मे 53 एकड़ जमीन सिंधिया के नाम है। वहीं रानी महल, हिरनवन कोठी, रैकेट कोर्ट, शांतिनिकेतन, छोटी विश्रांति, विजय भवन, पिकनिक स्पॉट, बूट बंगला, रेलवे कैरिज घंटीघर, इलेक्ट्रिक पॉवर हाउस रोशनी घर जैसी रिहायशी संपत्तियां भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम हैं। आज इन संपत्तियों की कीमत लगभग 2 अरब 97 करोड़ अडतालीस हजार पांच सौ रुपए हैं। ग्वालियर के जय विलास पैलेस के अलावा सिंधिया के पास दिल्ली में 32 एकड़ में फैली सिंधिया विला, ग्वालियर हाउस, मुंबई में वसुंधरा बिल्डिंग, पुणे का पद्म विलास पैलेस, शिवपुरी का जर्ज कैसल और माधव विला पैलेस, उज्जैन का कालियादेह पैलेस समेत कई शहरों में बड़े बड़े मंदिर भी मौजूद हैं।
शाही परिवार से ताल्लुख रखते हैं महाराज सिंधिया...
1947 में जब देश आजाद हुआ तो राजे रजवाड़े का सिस्टम भी खत्म हो गया। लेकिन सिंधिया राजवंश की राजशाही का अंदाज चलता ही रहा, और चल भी रहा है। ग्वालियर में सिंधिया का किला, जिसे जय विलास पैलेस कहा जाता है। इसे जो भी देखता है वो देखता ही रह जाता है, सुंदरता में भी टॉप पर और लंबाई चौड़ाई भी गजब की। मतलब अगर आपने ये किला देखा तो आप ये जरूर सोचेंगे कि क्या देश में कोई दूसरा इतना बड़ा किला होगा? ज्योतिरादित्य सिंधिया एक शाही परिवार से तालुकात रखते थे। सिंधिया राजवंश मध्यप्रदेश में हुकूमत करता था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के जय विलास महल में कुल 400 कमरे हैं।
4000 करोड़ से भी ज्यादा है जय विलास पैलेस की कीमत...
ग्वालियर शहर के बीचोंबीच स्थित जय विलास पैलेस नाम का भव्य महल ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। इस महल की कीमत चार हजार करोड़ से भी ज्यादा है। इस महल में कुल 400 कमरे है। जी हां ... 4 सौ कमरे.. इतने कमरे तो राष्ट्रपति भवन (340) में भी नहीं है। आपको बता दें कि जय विलास पैलेस प्रिंस जॉर्ज और प्रिंसेस मैरी के स्वागत के लिए बनाया गया था।
कब हुआ था जय विलास पैलेस का निर्माण
सिंधिया के इस भव्य महल का निर्माण कार्य वर्ष 1874 में शुरू हुआ था। उस समय जयाजी राव सिंधिया महाराज के पद पर थे। इस भव्य महल का डिजाइन ब्रिटेन के सर माइकल फिलोस द्वारा बनाया गया था। इस दौरान 1876 में प्रिंस जॉर्ज और प्रिंसेस मैरी का भारत आगमन हुआ। इस महल के अंदर सजावट में 560 किलोग्राम सोना लगा हुआ है। पैलेस के डाइनिंग हॉल में चांदी की ट्रेन है जो खाना परोसने के काम आती है। वहीं इसके 40 कमरों को अब म्यूजियम के रूप में बदल दिया गया है। इस महल का इसका दरबार हॉल काफी मशहूर है। इस महल में 1964 में जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम खोला गया था। जय विलास पैलेस के अंदर उस समय के चलन के हथियार, 19वीं सदी में इस्तेमाल होने वाली डोली-बग्घी और कई दिलचस्प चीज़ें रखी गई हैं। महल की दीवारों में सोने चांदी से नक्काशी की गई है। यहां दो बड़े शानदार झूमर लगे हुए हैं। जिनका वजन लगभग 3500 किलो है। इस महल में औरंगजेब और शाहजहां की तलवारें भी रखी गई हैं। इस महल की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं