Edited By Vikas kumar, Updated: 23 Dec, 2018 03:40 PM
मुख्यमंत्री बनने के बाद से कमलनाथ लगातार एक्शन में हैं और लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। दिल्ली में शासित आम आदमी पार्टी की तरह अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी किसानों और मध्यम वर्गों...
भोपाल: मुख्यमंत्री बनने के बाद से कमलनाथ लगातार एक्शन में हैं और लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। दिल्ली में शासित आम आदमी पार्टी की तरह अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी किसानों और मध्यम वर्गों के लिए बिजली बिल हाफ करने की तैयारी में है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने 100 यूनिट तक सभी उपभोक्ताओं को 100 रुपए प्रतिमाह का बिजली बिल देने का वादा किया था और इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था।
कमलनाथ सरकार किसानों का दो लाख कर्ज माफ करने के बाद अब बिजली के बिल हाफ करने की तैयारी में है। इस काम के लिए शनिवार को पावर मैनेजमेन्ट कंपनी ने तीनों वितरण कंपनी के वाणिज्य प्रमुखों के साथ सरकार से उपभोक्ता को मिलने वाली हर तरह की छूट के बारे में जानकारी ली। वर्तमान समय में किसानों को सरकार की ओर से प्रतिवर्ष करीब 9 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है जिसे अब और भी बढ़ाया जाएगा। इससे पहले शिवराज सरकार ने 200 रुपए प्रतिमाह बीजली बिल वाली संबल योजना शुरू की थी। जबकी कांग्रेस 100 रुपए बिल वाली मासिक योजना लेकर आई है। यह योजना अगर सफल हो जाती है तो, प्रदेश के 63 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा।
इससे पहले दिल्ली में लागू हुआ था नियम
देश की राजधानी दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली बिल हाफ और 20 हजार लीटर तक पानी माफ किया था। देश में अभी सिर्फ दिल्ली की केजरीवाल सरकार ही बिजली बिल पर 50 % की छूट दे रही है। दिल्ली में 400 यूनिट तक बिजली बिल में छूट दी जा रही है। अगर मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार यह वादा निभाने में कामयाब हो जाती है तो, एमपी देश का दूसरा राज्य होगा जहां बिजली बिल पर छूट दी जाएगी।
बता दें कि, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कमलनाथ लगातार एक्शन में हैं शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उन्होंने अपना सबसे बड़ा वादा 'किसानों की कर्जमाफी' को पूरा किया। अब वे प्रदेश के किसानों और मध्यमवर्ग के लोगों को सस्ती बिजली देने का वादा भी पूरा करने की तैयारी में हैं। राज्य सरकार बिजली कंपनी के 100 यूनिट बिल की खपत का 100 रुपए बिल देना चाहती है। इस समय औसत बिल छह से 7 रुपए यूनिट के हिसाब से आता है। जिसके कारण उपभोक्ताओं को 500 से 700 रुपए महीने का भुगतान करना पड़ता है। अगर यह योजना सफल हो जाती है तो किसानों और मध्यम वर्गों को बिजली का बिल आधा ही देना होगा।