Edited By Vikas Tiwari, Updated: 25 Dec, 2020 01:11 PM
मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले का नाम सिंधिया राजवंश और अटल बिहारी बाजपेई याने पूर्व प्रधानमंत्री और देश के भारत रत्न के बिना अधूरा है। ग्वालियर में अटल जी की स्मृति को सहेजे हुए उन ...
ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले का नाम सिंधिया राजवंश और अटल बिहारी बाजपेई याने पूर्व प्रधानमंत्री और देश के भारत रत्न के बिना अधूरा है। ग्वालियर में अटल जी की स्मृति को सहेजे हुए उनके स्कूल गोरखी से लेकर महाविद्यालय तक की पढ़ाई का पूरा ब्यौरा ग्वालियर के मानचित्र पर अटल है। यही कारण है कि गोरखी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और महारानी लक्ष्मीबाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय तत्कालीन विक्टोरिया कॉलेज में अटल जी की कई यादें आज भी जीवंत है।
ग्वालियर के गोरखी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा हमारे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई ने 1935 से लेकर 1938 तक ग्रहण की थी। यहां उनकी कक्षा को अब अटल कक्ष बनाया गया है। उनके देहांत के बाद अटल जी की यादें सहेजने और संवारने जो सिलसिला शुरू हुआ है, जो आज भी बदस्तूर जारी है। अटल जी ने इसी गोरखी विद्यालय में 1935 और 1938 के बीच कक्षा 6 से लेकर 8 वीं तक की पढ़ाई पूरी की थी। बाद में वे अन्यत्र पढाई करने चले गए थे। 2018 में अटल जी के देहांत के बाद अब उनसे जुड़ी यादों को सहेजने का कार्य और ज्यादा तेज गति से किया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल ग्वालियर को अटल जी के विराट स्वरूप को लेकर भी बनाया और संवारा जा रहा है। स्मार्ट सिटी कारपोरेशन में गोरखी विद्यालय के एक हिस्से को अटल जी की यादें सहेजने के लिए चिन्हित किया है। गोरखी विद्यालय शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा के नजदीक है। इसलिए जगह को स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के जरिए सजाया संवारा जा रहा है। वहीं रियासत कालीन पुराने भवनों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
गोरखी विद्यालय में अटल जी का उपस्थिति रजिस्टर आज भी बेहद सहेज कर रखा गया है। स्कूल प्रबंधन का मानना है कि अटल जी इस विद्यालय में पढ़े हैं। यह उनके लिए गर्व की बात है और यहां आने वाले हर छात्र को यही बात सबसे पहले समझाई और सिखाई जाती है। गोरखी स्कूल का कायाकल्प भी अटल जी के कारण हो रहा है।