Edited By Prashar, Updated: 20 Aug, 2018 06:10 PM
‘रुखी रोटी को भी बांट कर खाते हुए देखा है मैंने, सड़क किनारे का वो भिखारी शहंशाह निकला’। अगर हम कहें कि ये शब्द बिल्कुल सटीक बैठते हैं उस युवक पर जो खुद के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने केरल निकला हुआ था। लेकिन वहां के हालातों को देखते हुए वह...
नीमच (मप्र) : ‘सूखी रोटी को भी बांट कर खाते हुए देखा है मैंने, सड़क किनारे का वो भिखारी शहंशाह निकला’। अगर हम कहें कि ये शब्द बिल्कुल सटीक बैठते हैं उस युवक पर जो खुद के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने केरल निकला हुआ था। लेकिन वहां के हालातों को देखते हुए वह बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुट गया तो यह गलत नहीं होगा।
हम बात कर रहे हैं उस नौजवान की दरियादिली की जिसने आम लोगों से लेकर प्रशासन का दिल जीत लिया है। यही नहीं इस युवक को देखते हुए कुन्नूर जिला प्रशासन ने सभी नौजवानों को इसी की तरह बनने की अपील की है और उसे देखते हुए कई एनजीओं भी उसके नक्शे कदम पर चलने को तैयार हुई हैं।
ये है युवक की दरियादिली
विष्णु कुमार नाम का यह युवक मध्यप्रदेश के नीमच का रहने वाला है और पिछले 12 सालों से केरल के गांव-गांव में कंबल और चादर बेचकर अपना पेट पालता है। इन दिनों वह केरल में ही है और वहां के हालातों और इस त्रासदी ने उसे झकझोर दिया और इसने बिना सोचे समझे अपना सारा सामान बाढ़ पाड़ितों में बांट दिया।
केरल में हीरो बन गया MP का युवक
जब इस युवक की दरियादिली कुन्नूर जिले के कलेक्टर तो पता चली तो वे आश्चर्य से भर गए। इसके बाद कलेक्टर ने कहा कि जब मुझे अधिनस्थ कर्मचारियों ने विष्णु के बारे में बताया तो आश्चर्य हुआ। इस जिले के दूर-दराज के गांवों में मध्यप्रदेश का एक युवक है, जो लोगों की मदद कर रहा है। वो गांव-गांव से वाकिफ है और अपने दिल से सहयोग कर रहा है। इसके बाद उन्होंने पूरे देश से अपील की कि हमें मध्यप्रदेश के विष्णु की तरह सहयोग की जरूरत है।
इतने सालों में जो कमाया वो यहीं दे दिया
विष्णु का कहना है कि उसने जिंदगी में ऐसा भयानक मंजर पहली बार देखा। किसी का घर डूब गया, परिवार में कोई मर गया तो किसी के पास खाना नहीं बचा। ऐसे में उसने सोचा कि उसकी मेहनत कुछ काम आए। जिसके बाद उसने अपना सारी बचत और सामान का सटॉक बाढ़ पीड़ितों में दान कर दिया।