Edited By Vikas kumar, Updated: 16 Jan, 2019 06:39 PM
कर्नाटक में मचे सियासी बवाल के बीच मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सतर्क हो गई है। कांग्रेस को अंदेशा है कि बीजेपी राज्य की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में जुटी है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों...
भोपाल: कर्नाटक में मचे सियासी बवाल के बीच मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सतर्क हो गई है। कांग्रेस को अंदेशा है कि बीजेपी राज्य की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में जुटी है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में बीजेपी सरकार गिराने में कामयाब नहीं हो पाएगी और वे मध्यप्रदेश में भी ऐसी कोशिश कर सकते हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि 'वे भोपाल में हमें सत्ता से हटाने के के लिए असली ताकत लगाने जा रहे हैं।'
कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से दो विधायकों ने मंगलवार को अपना समर्थन वापस ले लिया। एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने राज्यपाल वजुभाईवाला को पत्र लिख अपने इस फैसले से अवगत कराया।
मध्यप्रदेश में क्यों है कांग्रेस को खतरा ?
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी कह चुके हैं कि 'जब तक मंत्रियों के बंगले पुतेंगे कांग्रेस सरकार गिर जाएगी।' इससे पहले विजयवर्गीय ने भी कहा था कि 'बस हाईकमान को छींक आ जाए, बॉस का इशारा हो जाए, कमलनाथ सरकार पांच दिन में गिरा देंगे।' बता दें कि एमपी में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 116 है। हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस ने 114 तो बीजेपी ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी। इनके अलावा BSP ने 2 , SP 1 सीट और अन्य ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी।