Edited By meena, Updated: 30 Apr, 2021 09:58 PM
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने वाले अफसर को पीएम मोदी के नाम की धमकी दी गई। धमकी देने वाला कोई आमजन नहीं बल्कि राम मंदिर निर्माण न्यास के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आत्मानंद सरस्वती जी महाराज...
दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने वाले अफसर को पीएम मोदी के नाम की धमकी दी गई। धमकी देने वाला कोई आमजन नहीं बल्कि राम मंदिर निर्माण न्यास के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आत्मानंद सरस्वती जी महाराज थे। दरअसल, शहर के पथरिया तहसील के संजय चौराहे पर पुलिस और तहसीलदार ने जब बिना मास्क लगाए एक वाहन चालक औऱ उसके बगल में बैठे स्वामी जी पर कार्यवाही की तो वे अजीबों गरीब दलीलें देने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने तहसीलदार को धमकी दी कि यदि जुर्माना किया तो रसीद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक पहुंचाई जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, दमोह जिले के पथरिया के संजय चौराहे पर तहसीलदार आलोक जैन और थाना प्रभारी ब्रजेश पांडे अपने दल सहित ड्यूटी पर तैनात थे। तभी एक सफेद रंग की एक्सयूवी आई जिसके आगे नाम पट्टी पर आत्मानन्द सरस्वती लिखा था। पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी को रोका क्योंकि ड्राइवर औऱ उसके बगल में बैठे स्वामी जी ने मास्क नहीं लगाया हुआ था।
स्वामी जी को देख तहसीलदार और पुलिस की टीम ने उनसे सम्मानपूर्वक मास्क लगाने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। इस पर पुलिस की टीम ने चालान करने की बात कही। यह देख स्वामी जी आपा खो बैठे और वहीं बैठे-बैठे प्रवचन से लेकर धमकियां तक दे डालीं। उन्होंने कहा कि वे अभी 70 मजदूरों को खाना खिला कर आए हैं। फिर कहा कि कोरोना काल में वे लगातार सामाजिक कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर अमल करते हैं। उन्होंने मास्क नहीं लगाया क्योंकि इससे उन्हें घुटन होती है और प्रधानमंत्री का कहना है कि सब लोग अपनी सुरक्षा खुद करें।
स्वामी जी इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे चालान की रसीद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को भेजेंगे। दोनों पक्षों में काफी तर्क वितर्क चलता रहा आखिरकार तहसीलदार ने स्वामी जी का चालान काट दिया।