Edited By Vikas kumar, Updated: 03 Jan, 2019 04:50 PM
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इमरजेंसी के दौरान मीसा कानून के तहत जेल में बंद रहे आंदोलनकारियों को दी जा रही पेंशन को रोकने का निर्देश दिया है। जिसके लिए बीजेपी के बाद कांग्रेस के ही स...
भोपाल: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इमरजेंसी के दौरान मीसा कानून के तहत जेल में बंद रहे आंदोलनकारियों को दी जा रही पेंशन को रोकने का निर्देश दिया है। जिसके लिए बीजेपी के बाद कांग्रेस के ही सहयोगी शरद यादव ने भी विरोध किया है। शरद यादव ने कहा है कि मीसा पेंशन बंद नहीं की जानी चाहिए बल्कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सही व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे।
एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा दी जा रही मीसा पेंशन बंद नहीं करनी चाहिए। लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंचे। इस बीच उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार उन लोगों को भी पेंशन दे रही थी जिन लोगों ने आपातकाल के दौरान माफी मांगी थी। लोजद नेता शरद यादव ने कहा कि 'सरकार द्वारा लाभार्थियों की छानबीन की जानी चाहिए। मैं स्वयं इस दौरान 4 साल जेल में बंद रहा हूं, लेकिन कभी भी पेंशन का दावा नहीं किया।'
वहीं जबलपुर से सांसद और MP के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा हेतु तत्कालीन अत्याचारी शासन के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली पेंशन पर रोक लगाकर कांग्रेस सरकार लोकतंत्र का अपमान कर रही है।'
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी साधा निशाना
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि 'इंदिरा गांधी के 'तीसरे बेटे' ने उन लोगों की पेंशन बंद कर दी जिन्होंने आपातकाल में भारत के सबसे काले दिनों के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ाई लड़ी थी।'
बता दें कि एमपी में कमलनाथ सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है। 29 दिसंबर को कहा गया था कि जिन लोगों को पेशन मिलती है उसकी जांच कर इसे फिर से शुरू किया जाएगा।