Edited By meena, Updated: 04 Aug, 2020 06:04 PM
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोग कितनी भ्रांतियों को मन में पालकर बैठे हैं और लापरवाही का परिचय दे रहे हैं इसका एक जीता जागता मामला छतरपुर में देखने को मिला है। जहां शहर में एक कोरोना मरीज अस्पताल जाने को तैयार नहीं हो रहा था। स्वस्थ्य विभाग,...
छतरपुर(राजेश चौरसिया): कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोग कितनी भ्रांतियों को मन में पालकर बैठे हैं और लापरवाही का परिचय दे रहे हैं इसका एक जीता जागता मामला छतरपुर में देखने को मिला है। जहां शहर में एक कोरोना मरीज अस्पताल जाने को तैयार नहीं हो रहा था। स्वस्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन जब इस मरीज को अस्पताल लेने उसके घर पहुंचे तो घरवालों ने गेट पर ताला डाल दिया। काफ़ी जद्दोज़हद के बाद पुलिस को चोरों की तरह दीवार फांदकर घर में घुसना पड़ा और मरीज को जबरदस्ती निकाल कर कर ले जाना पड़ा।
दरअसल, शहर की सिंधी कॉलोनी में एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी सूचना मिलने के बाद मरीज को अस्पताल लाने के लिए जब देर रात स्वस्थ्य विभाग का अमला इस कॉलोनी में पहुंचा, तो पॉजिटिव मरीज के परिवार ने टीम से सहयोग करने की बजाय उसे भेजने से इन्कार कर दिया था।
उक्त पूरे मामले पर तहसीलदार संजय शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण वाले व्यक्ति कई बार जांच में और ईलाज़ में सहयोग नहीं देते ऐसे ही स्थिति सिंधी कॉलोनी में भी निर्मित हुई थी। क्योंकि संक्रमण को फैलने से बचाना था इसलिए पुलिस बल को बुलाया गया और CSP सहित अन्य पुलिस बल के साथ रात में पीड़ित के घर में जबरन पहुंचकर न केवल उसे निकाला बल्कि अस्पताल भी पहुंचाया गया और कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया। इसके साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों की सेम्पलिंग भी की गई।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना में मिलते जुलते लक्षण पाए जाते हैं तो वे तत्काल जांच कराएं, बीमारी से घबराने की जरुरत नहीं और बीमारी को न छिपाएं, और जरूरत पड़ने पर शासन, प्रशासन, पुलिस को अवगत कराएं।