Edited By meena, Updated: 17 Feb, 2021 04:34 PM
सीधी जिले में एक साथ हुई 51 मौतों ने मध्य प्रदेश के साथ-साथ देशभर को हिला कर रख दिया है। जिस किसी ने भी सफेद कपड़े में लिपटी रुंह कांप गई। इस दर्दनाक हादसे के लिए जिम्मेदार चाहे जो भी हो लेकिन डूब रहे लोगों को बचाने वाली शिवरानी लोनिया व कुछ बच्चे...
मध्य प्रदेश डेस्क: सीधी जिले में एक साथ हुई 51 मौतों ने मध्य प्रदेश के साथ-साथ देशभर को हिला कर रख दिया है। जिस किसी ने भी सफेद कपड़े में लिपटी रुंह कांप गई। इस दर्दनाक हादसे के लिए जिम्मेदार चाहे जो भी हो लेकिन डूब रहे लोगों को बचाने वाली शिवरानी लोनिया व कुछ बच्चे लोगों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए 6 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
दरअसल, जब यह दर्दनाक हादसा हुआ तो नहर के किनारे मौजूद कुछ स्थानीय बच्चों ने यह मंजर अपनी आंखों से देखा। बच्चों ने लोगों की चीख पुकार सुनी तो वे बिना अपनी जान की परवाह किए पानी में कूद गए और सात लोगों को खींच कर बाहर लाने में सफल रहे। हालांकि उनमें से एक की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई लेकिन छह यात्री सुरक्षित हैं। बताया जा रहा है कि यात्रियों को बचाने वाले इन पांचों बच्चों की उम्र 16 से 22 साल के बीच की है और पांचों बच्चे लोनिया परिवार के हैं। चौधरी ने बताया कि इस नहर में करीब 25 फुट गहरा पानी था और नहर के किनारे बहुत ज्यादा ढ़लान भी थी। ऐसे में बच्चों ने लोगों की जान बचाकर बहुत बहादुरी का काम किया है।
सीएम व पूर्व सीएम ने बच्चों की तारीफों के बांधे पुल
सीएम चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘ 'परहित सरिस धर्म नहिं भाई'। बेटी शिवरानी के साहस को प्रणाम करता हूं। अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए इस बेटी ने सीधी में घटनास्थल पर नहर में छलांग लगाकर दो नागरिकों की जान बचाई है। मैं बेटी को धन्यवाद देता हूं। पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है।’’
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट करते हुए इन बच्चों की तारीफ की और कहा, “सीधी बस हादसे में अपनी जान की परवाह किये बग़ैर बाणसागर नहर में कूदकर सात यात्रियों की ज़िंदगी बचाने वाली सरदा गांव की बेटी शिवारानी लोनिया और आशा बंसल की वीरता को सलाम। दोनों सम्मान की पात्र है।
मध्य प्रदेश के जन संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने शिवरानी से मुलाकात की और उसके इस कार्य के लिए उसकी खूब तारीफ की। सिलावट ने शिवरानी से कहा, ‘‘पूरी सरकार जिंदगी भर आपकी ऋणी रहेगी।’’ वहीं इस सारे घटनाक्रम पर शिवरानी का कहना है कि, ‘‘जब यह बस नहर में गिरी, उस वक्त मैं और मेरा भाई नहर के पास ही खड़े थे। हमने जैसे ही इस बस को नहर में गिरते देखा, तो मैंने और मेरे भाई ने अपनी जिंदगी की परवाह नहीं करते तुरंत नहर में उनको बचाने के लिए छलांग लगा दी और दो लोगों को बचाया।’’।