Edited By meena, Updated: 31 Dec, 2020 07:46 PM
एक तरफ सरकार किसानों के हितों की बात करती है। किसानकर्ज माफी को लेकर सीएम शिवराज बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो आए दिन कर्ज से दवे किसान मौत को गले लगा रहे हैं। ताजा मामला छतरपुर जिले के मातगुवां थाना इलाके के मातगुवां...
छतरपुर(राजेश चौरसिया): एक तरफ सरकार किसानों के हितों की बात करती है। किसानकर्ज माफी को लेकर सीएम शिवराज बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो आए दिन कर्ज से दवे किसान मौत को गले लगा रहे हैं। ताजा मामला छतरपुर जिले के मातगुवां थाना इलाके के मातगुवां गांव का है जहां किसान ने खेत में ही पेड़ से फांसी लगा ली। किसान ने सुसाइडनोट भी छोड़ा है जिसमें लिखा है कि उसके अंग दान करके कर्जा लौटा दे।
किसान मुनेंद्र राजपूत के परिजनों ने बताया मुनेंद्र राजपूत की फसल खराब हो गई थी जिस कारण से वह बिजली का बिल नहीं जमा कर पाया तो बिजली विभाग छतरपुर के अधिकारियों ने नोटिस जारी कर बकाया 87 हजार जमा करने को कहा, लेकिन किसान ने बिजली विभाग के अधिकारियों से बिजली बिल चुकाने के लिए समय मांगा।
बिजली विभाग के अधिकारियों ने किसान की एक न सुनी और गांव में पहुंचकर किसान से अपशब्द कहे और गांव में किसान की मोटर, चक्की और मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया और उस समान को लेकर छतरपुर आ गए जिससे परेशान होकर किसान ने खेत पर जाकर फांसी के फंदे से झूल कर आत्महत्या कर ली। साथ ही एक सुसाइड नोट भी लिखा था जिसमें लिखा है कि मेरे एक एक अंग अंग बेचकर बिजली का बिल चुका देना।