Edited By meena, Updated: 16 Mar, 2020 04:45 PM
मध्यप्रदेश में सियासी पारा उफान पर है। सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई। नियम अनुसार, सबसे पहले राज्यपाल लालजी टंडन का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने अपनी सरकार के पिछले एक साल के कार्यकाल का लेखाजोखा रखना था, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक मिनट का...
भोपाल: मध्यप्रदेश में सियासी पारा उफान पर है। सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई। नियम अनुसार, सबसे पहले राज्यपाल लालजी टंडन का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने अपनी सरकार के पिछले एक साल के कार्यकाल का लेखाजोखा रखना था, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक मिनट का समय लेते हुए महज चंद लाइन पढ़ीं और वहां से चले गए। हालांकि विधानसभा से रवाना होने से पहले उन्होंने सदन के सभी सदस्यों को सलाह दी कि वे नियमों का पालन करें और विधानसभा की गरिमा बनाए रखें। राज्यपाल ने अपना पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा और इसके कई मायने निकाले जा रहे हैंं।
क्या सरकार से खफा राज्यपाल?
माना जा रहा है कि राज्यपाल सरकार से खफा है, जिसके चलते उन्होंने अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा। वहीं कुछ संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ऐसा होता और मौजूदा सरकार अल्पमत में होती तो राज्यपाल अभिभाषण पढ़ते ही नहीं। एक वर्ग यह भी मान रहा है कि विधानसभा की कार्रवाई में राज्यपाल का अभिभाषण स्वीकार कर लिया गया है।
एक मिनट में क्या बोले राज्यपाल?
राज्यपाल ने अपने एक मिनट के अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार ने पत्रकारों के लिए 5% ब्याज अनुदान पर ₹2500000 का ऋण देने का निर्णय लिया है। 1 वर्ष में बहुआयामी विकास की कोशिश की है। वचन पत्र के वचनों की पूर्ति के लिए कार्य किए हैं। विजन 20-25 डिलीवरी 25 रोड में बनाकर 5 साल की गतिविधियों को चिन्हित कर काम शुरू किए हैं। वचन पत्र और रोड पर अमल कर प्रदेश को नई पहचान दी जाएगी।
विधायकों को राज्यपाल की सलाह
राज्यपाल ने सभी सदस्यों को शुभकामनाओं के साथ-साथ सलाह दी। उन्होंने कहा कि देश की स्थिति के अनुसार सभी का दायित्व है कि शांतिपूर्ण तरीके से संविधान द्वारा निर्देशित परंपरा और नियमों का पालन करें ताकि मध्य प्रदेश की लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन हो सके। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव बीच में खड़े हुए और कुछ बोलना चाहा लेकिन सत्तापक्ष की ओर से विरोध किया गया।