Loksabha Election 2019: किस्सा कुर्सी का, बात 'होशंगाबाद' लोकसभा सीट की

Edited By Vikas kumar, Updated: 29 Mar, 2019 06:35 PM

who will win hoshangabad loksabha seat

अपने पर्यटन स्थल और सोयाबीन की खेती के लिए मशहूर होशंगाबाद जिला बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस सीट से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा भी सांसद रह चुके हैं। वे 2009 का लोकस...

होशंगाबाद: अपने पर्यटन स्थल और सोयाबीन की खेती के लिए मशहूर होशंगाबाद जिला बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस सीट से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा भी सांसद रह चुके हैं। वे 2009 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के उदय प्रताप से हार गए थे। लेकिन इससे पहले लगातार 6 बार बीजेपी का ही सासंद यहां पर रहा है। वर्तमान में यहां पर बीजेपी के उदय प्रताप सांसद हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी से चुनाव लड़ा था। 


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होशंगाबाद लोकसभा का इतिहास 
होशंगाबाद की स्थापना मांडू जिसे अब मालवा कहा जाता है। वहां के द्वितीय राजा सुल्तान हुशंगशाह गौरी द्वारा 15वीं शताब्दी में की गई थी। नर्मदा नदी के किनारे बसे इस शहर में नोट के कागज बनाने का कारखाना है। आपको बता दें कि अब होशंगाबाद का नया नाम नर्मदापुरम है। 

वर्ष 1951 में इस सीट पर पहला लोकसभा चुनाव हुआ। जिसमें कांग्रेस के सैयद अहमद ने निर्दलीय उम्मीदवार रहे एचवी कामथ को हरा दिया था। लेकिन इसके 1 वर्ष बाद यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सैयद को एचवी कामथ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। परंतु 1957 में कांग्रेस ने यहां पर फिर से वापसी की और 1958 के उपचुनाव में भी जीत हासिल की। लेकिन इसके बाद 1962 में कांग्रेस को एक बार फिर से यहां पर हार झेलनी पड़ी। 1962 का चुनाव हारने वाली कांग्रेस ने 1967 में फिर से वापसी की और दौलत सिंह यहां से सांसद बने। 

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भाजपा को इस सीट पर पहली बार 1989 में जीत मिली। तब बीजेपी के सरताज सिंह ने कांग्रेस की ओर से दो बार सांसद रहे रमेश्वर नाखरा को हरा दिया था। इस जीत के बाद सरताज रुके ही नहीं और 1991, 1996 और 1998 का भी लोकसभा चुनाव जीते। लेकिन वर्ष 1999 में बीजेपी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को यहां से टिकट दे दिया और उन्होंने जीत हासिल की। वर्ष 2004 में बीजेपी ने एक बार फिर सरताज सिंह को मौका दिया और सरताज फिर से जीत गए। लेकिन 2009 में कांग्रेस के उदयप्रताप सिंह ने बीजेपी के रामलाल को हरा दिया। परंतु 5 साल के इंतजार के बाद मोदी लहर में कांग्रेस प्रत्याशी नहीं टिक सके और पूर्व कांग्रेसी नेता उदय प्रताप सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की। आपको बता दें कि होशंगाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से 4 पर बीजेपी तो 4 पर कांग्रेस का कब्जा है।


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लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम
 
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी के उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के देवेंद्र पटिल को हराया था। इस चुनाव में उदय प्रताप सिंह को जहां 6,69,128 वोट(64.89 फीसदी) मिले तो वहीं देवेंद्र पटेल को 2,79,168 वोट(27.07 फीसदी) वोट मिले थे।

 

लोकसभा प्रत्याशी

राजनीतिक दल

 वोट

वोट प्रतिशत

उदय प्रताप

बीजेपी

6,69,128

66.09%

देवेंद्र पटेल

कांग्रेस

2,79,168

27.57%

माया विश्वकर्मा

आप

17,837

1.76%


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लोकसभा चुनाव 2009 का परिणाम

वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस के उदय प्रताप सिंह ने बीजेपी के रामपाल सिंह को हराया था। उदय प्रताप को 3,39,496 वोट (47.73 फीसदी) मिले तो वहीं रामपाल सिंह को 3,20,251(45.03 फीसदी) वोट मिले थे। 

लोकसभा प्रत्याशी

राजनीतिक दल

 वोट

वोट प्रतिशत

उदय प्रताप सिंह

 कांग्रेस

339496

47.73%

राम प्रताप सिंह

 बीजेपी

320251

45.03%

सुदामा प्रसाद

निर्दलीय

13325

1.87%



बता दें कि चुनाव आयोग के 2014 के आंकड़े के मुताबिक यहां पर 15,68,127 मतदाता हैं। इनमें से पुरूष 8,35,492 मतदाता हैं और 7,32,635 महिला मतदाता हैं। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 65.76 फीसदी मतदान हुआ था। यह सीट बीजेपी का गढ़ है लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के दिग्गज नेता सरताज सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। जिसके बाद होशंगाबाद में कांग्रेस को कुछ मजबूती मिली है।   

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