Edited By Vikas kumar, Updated: 25 Mar, 2019 05:57 PM
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाली लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। पिछले 6 चुनावों से बीजेपी यहां पर जीत दर्ज करते आ रही है। कांग्रेस को यहां से आखिरी जीत 28 सा....
जबलपुर: मध्यप्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाली लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। पिछले 6 चुनावों से बीजेपी यहां पर जीत दर्ज करते आ रही है। कांग्रेस को यहां से आखिरी जीत 28 साल पहले 1991 में मिली थी। मौजूदा समय में बीजेपी के राकेश सिंह यहां से सांसद हैं। राकेश सिंह पिछले तीन बार से लगातार इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं। इस सीट में एक बड़ी बात यह है कि आज के समय में बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ बना चुके शरद यादव भी जबलपुर सीट से जीतकर संसद पहुंच चुके हैं वे 1977 में यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। जबलपुर को मध्य प्रदेश की संस्कारधानी भी कहा जाता है। यहां भारतीय आयुध निर्माणियों के कारखाने तथा पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। जबलपुर में ही नर्मदा नदी के तट पर भेड़ाघाट के पास धुआंधार स्थित है जहां पर हजारों सैलानी लोग इसका नजारा देखने आते हैं।
जबलपुर लोकसभा सीट का इतिहास
वर्ष 1957 में इस सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस के गोविंददास सेठ ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद लगातार 1971 तक यह सीट कांग्रेस के पास ही रही और गोविंददास यहां से हर बार सांसद चुने गए। वर्ष 1977 में जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव भी जीत दर्ज कर चुके हैं वे कांग्रेस के जगदीश नारायण अवस्थी को हराकर संसद पहुंचे थे। बीजेपी को पहली बार इस सीट पर 1982 में जीत मिली थी, उस समय बी.परांजपे बीजेपी के टिकट से जीतकर संसद पहुंचे थे, लेकिन वे अगले लोकसभा चुनाव 1984 में हार गए थे।
इसके बाद बीजेपी ने 1996 में इस सीट पर वापसी की, जिसके बाद से लागातार 6 बार बीजेपी ने ही यहां पर जीत दर्ज की। जबलपुर के वर्तमान सांसद राकेश सिंह को 2004 में बीजेपी ने इस सीट पर उतारा। इसके बाद वे 2004, 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे। जबलपुर में बीजेपी को 8 बार तो कांग्रेस को 7 बार लोकसभा चुनावों में जीत मिली है। विधानसभा सीटों के लिहाज से देखा जाए तो यहां पर 8 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से 4 बीजेपी तो 4 कांग्रेस के पास हैं। चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार 2014 के चुनाव में यहां पर 17,11,683 मतदाता थे। इनमें से 8,97,949 पुरुष मतदाता तो 8,13,734 महिला मतदाता थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 58.55 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
लोकसभा चुनाव 2014
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में राकेश सिंह ने कांग्रेस के विवेक तन्खा को हराया था। राकेश सिंह को 5,64,609 वोट तो विवेक तन्खा को 3,55970 वोट मिले थे। वहीं इस सीट पर बीएसपी तीसरे स्थान पर रही थी।
लोकसभा उम्मीदवार
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राजनीतिक दल
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वोट
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वोट प्रतिशत
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राकेश सिंह
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बीजेपी
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564,609
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56.78%
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विवेक तन्खा
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कांग्रेस
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355,970
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35.80%
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अफताब आलम
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बसपा
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16,008
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1.61%
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लोकसभा चुनाव 2009
वर्ष 2009 में बीजेपी के राकेश सिंह ने कांग्रेस के एडवोकेट रामेश्वर को हराया था। राकेश सिहं को 3,43,922 तो रामेश्वर को 2,37,919 वोट मिले थे। वहीं बसपा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी।
लोकसभा उम्मीदवार
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राजनीतिक दल
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वोट
|
वोट प्रतिशत
|
राकेश सिंह
|
बीजेपी
|
343,922
|
54.29%
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एडवोकेट रामेश्वर
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कांग्रेस
|
237,919
|
37.56 %
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अजीज कुरैशी
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बसपा
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21,080
|
3.33%
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बता दें कि हाल ही में जबलपुर के चर्चित एसपी अतुल सिंह का तबादला हो जाने के कारण जनता ने काफी हंगामा किया था, सूत्रों के अनुसार इस तबादले के बाद से यहां की जनता सांसद राकेश सिंह से खासी नाराज बताई जा रही है। जिसका खामियाजा सांसद को भुगतना पड़ सकता है।