Video: क्या भाजपा नेताओं पर भारी पड़ेंगे सिंधिया ?

Edited By meena, Updated: 19 Mar, 2020 02:02 PM

मध्य प्रदेश की राजनीति में 11 मार्च 2020 कांग्रेस के लिए यादगार बन गया जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से 18 साल का नाता तोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। भले ही सिंधिया को भाजपा का हिस्सा बने हुए लगभग एक सप्ताह का समय बीत गया है। लेकिन अभी तक उनके...

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में 11 मार्च 2020 कांग्रेस के लिए यादगार बन गया जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से 18 साल का नाता तोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। भले ही सिंधिया को भाजपा का हिस्सा बने हुए लगभग एक सप्ताह का समय बीत गया है। लेकिन अभी तक उनके बीजेपी में कदम रखने के सही मायने सामने नहीं आए हैं। माना जा रहा है कि यह वो शांति है जो तूफान आने से पहले होती है। इसके बाद जो बवंडर उठ सकता है वो किसी के जहन में भी नहीं होगा। क्या पार्टी में पहले से धाक जमा चुके बीजेपी नेता अपना स्थान छोड़ने को तैयार होंगे। क्या सिंधिया बीजेपी में वो रुतबा हासिल कर पाएंगे जो उन्हें कांग्रेस में मिला था।

PunjabKesari

इस दिशा में अगर बात करें तो पता चलता है, कि भाजपा का हाथ थामने के बाद सिंधिया के सामने सबसे पहली परीक्षा खुद की स्वीकार्यता और प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने की होगी...यहां सबसे बड़ा सवाल सिंधिया की भूमिका को लेकर भी है,जो भाजपा के बाकी के नेताओं की अपेक्षा उनके कद को निर्धारित करेगी। अटकलें तो यहां तक लगाई जा रही हैं, कि सिंधिया की भाजपा में एंट्री प्रदेश स्तर पर एक अनचाहे संघर्ष को भी जन्म दे सकती है।

PunjabKesari

आइए जानते हैं,कि किस तरह भाजपा के मौजूदा समीकरणों को प्रभावित करेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया।
·         भाजपा के कई दिग्गजों की राजनीति को प्रभावित करेंगे सिंधिया।
·         भाजपा के भीतर जनाधार वाले मजबूत नेता के तौर पर उभरेंगे।
·         ग्वालियर चंबल क्षेत्र में भाजपा के क्षत्रपों का कद घट सकता है।
·         नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, यशोधरा राजे पर पड़ेगा असर।
·         प्रदेशस्तर पर शिवराज सिंह का राजनीतिक ग्राफ भी होगा प्रभावित।
·         महल विरोधी राजनीति करने वाले पवैया और झा पर भी होगा असर।
·         सिंधिया के राजनीतिक रसूख के सामने छोटा हो जाएगा कई नेताओं का कद।

PunjabKesari

मध्यप्रदेश के राजनीतिक घमासान ने अभी प्रदेश की सियासत से जुड़े कई पहलुओं पर पर्दा डाल रखा है। लेकिन जैसे ही यह तूफान शांत होगा। उसी दिन से सिंधिया की बीजेपी में भूमिका निश्चित तौर पर एक नई बहस का कारण बन सकती है। जाहिर है कि वह बहस कहीं न कही बीजेपी के आंतरिक घमासान को दर्शाने का काम करेगी और बीजेपी उस डैमेज को कैसे कंट्रोल करेगी यह देखना दिलचस्प होगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!