Edited By meena, Updated: 23 May, 2024 07:18 PM
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मध्य प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाला मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा है...
भोपाल (विनीत पाठक): मध्य प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाला मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि व्यापम के कलंक से बाहर नहीं आ पाए कि अब नर्सिंग का भी घोटाला सामने आ गया। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटाने कहा कि व्यापम के कलंक से बाहर नहीं आ पाए, अब नर्सिंग का भी घोटाला सामने आ गया। जिसमें बीजेपी के नेता भी शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी स्टूडेंट को हो रही है।
एमपी कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि ग्वालियर हाई कोर्ट की जांच के बाद सीबीआई ने कई मेडिकल कॉलेज को सूटेबल घोषित किया। 66 नर्सिंग कॉलेज को अपात्र घोषित किया गया था। समिति ये देखती है कि कितने स्क्वेयर फीट की जगह चाहिए, कितनी जगह है उसके हिसाब से मान्यता दी गई। 169 को पात्र, 73 अल्प पात्र और 66 कॉलेजों को अपात्र बताया गया था। इनमें से 9 नर्सिंग कॉलेज शासकीय थे। नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंड ने 4 साल के कोर्स की परीक्षा 1 साल में ही दे दी।
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मुकेश नायक ने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का नर्सिंग वातावरण हनुमान जी की आठ सिद्धियां प्राप्त कर चुका हैं। नर्सिंग घोटाला अगले विधानसभा सत्र का सबसे महत्वपूर्ण विषय होगा। उन्होंने कहा कि एमपी के पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के समय सबसे ज्यादा मेडिकल नर्सिंग कॉलेज खोले गए। एक साल में 40 प्रतिशत नए कॉलेज खुले। हमको सीबीआई की जांच पर कोई विश्वास नहीं है। नर्सिंग कॉलेज ऑफ इंडिया के मापदंडों के हिसाब से जांच हो और सभी कर्मियों को एक समय के हिसाब से पूरा किया जाए।
वही एनएसयूआई मेडिकल विंग कॉर्डिनेटर रवि परमार ने कहा कि 100 बेड का अस्पताल, 2300 स्क्वायर फीट की जगह और टीचर्स की एमएससी नर्सिंग की योग्यता होनी चाहिए। प्रदेश में फर्जी रजिस्टार की नियुक्ति की गई। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से सुनीता सिदू को रजिस्ट्रार बनाया गया। रवि परमार ने इस घोटाले के लिए आवाज उठाई थी, तो हथकड़ी बांधकर घुमाया गया।