Edited By meena, Updated: 15 Jun, 2024 05:26 PM
मध्य प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों को उर्दु के साथ इस्लाम की तालीम दी जा रही है...
भोपाल: मध्य प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों को उर्दु के साथ इस्लाम की तालीम दी जा रही है। यह खुलासा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने यह खुलासा किया है। खास बात यह कि इन मदरसों को सरकार आर्थिक सहायता भी देती है। प्रदेश भर से बात की जाए तो लगभग 9417 बच्चे मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं। इन मदरसों में न सुरक्षा के इंतजाम हैं, न ही NCERT की शिक्षा व्यवस्था ही लागू है।
NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने भोपाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोहन सरकार से मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 1,755 पंजीकृत मदरसों में 9,417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं। ये इस्लामी संस्थान शिक्षा के अधिकार (Right to Education) अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं। इन संस्थानों में शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत जरूरी बेसिक डेवलपमेंट की भी कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि गैर-पंजीकृत मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों को भी सामान्य स्कूलों में भेजा जाना चाहिए। NCPCR प्रमुख बाल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में विभिन्न राज्य विभागों के साथ बैठक करने के लिए यहां आए थे।
कानूनगो ने आगे कहा, "जिस अधिनियम के तहत एमपी मदरसा बोर्ड अस्तित्व में आया, उसमें मदरसों को परिभाषित किया गया है और साफ तौर से कहा गया है कि उनमें इस्लामी धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए। शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 1 मदरसों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर रखती है।"
उन्होंने दावा किया कि NCPCR हमारे पास जानकारी है कि इन मदरसों के शिक्षकों के पास बी.एड. की डिग्री नहीं है और उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा भी नहीं दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका बुनियादी ढांचा भी RTE अधिनियम के अनुरूप नहीं है।