Edited By PTI News Agency, Updated: 12 Jun, 2020 04:45 PM
अमरावती, 12 जून (भाषा) विशाखापत्तनम के पास भोगपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास का रास्ता साफ हो गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इस नए हवाई अड्डे के विकास के लिए परियोजना की डेवलपर जीएमआर एयरपोर्ट्स लि. के साथ रियायती करार पर...
अमरावती, 12 जून (भाषा) विशाखापत्तनम के पास भोगपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास का रास्ता साफ हो गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इस नए हवाई अड्डे के विकास के लिए परियोजना की डेवलपर जीएमआर एयरपोर्ट्स लि. के साथ रियायती करार पर हस्ताक्षर किए।
इससे पहले चार मार्च को वाई एस जगन मोहन रेड्डी मंत्रिमंडल ने जीएमआर ग्रुप को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल में इस हवाई अड्डे के विकास की अनुमति देते हुए जीएमअर की ‘सबसे ऊंची’बोली को स्वीकार कर लिया था।
हालांकि, जीएमआर को प्रस्तावित 2,703 एकड़ के बजाय सिर्फ 2,200 एकड़ जमीन दी जाएगी। राज्य सरकार ने शेष जमीन पर खुद विकाास करने का फैसला किया है।
राज्य के विशेष मुख्य सचिव (उद्योग एवं संरचना) कारिकल वलावेन और जीएमआर के चेयरमैन जी बी एस राजू ने शुक्रवार को रियायती करार पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उद्योग मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी भी मौजूद थे। ताजा विकास मॉडल के तहत जीएमआर ने सरकार को प्रति यात्री 303 रुपये का शुल्क (पीपीएफ) देने की पेशकश की है।
आंध्र प्रदेश हवाई अड्डा विकास निगम के सूत्रों ने कहा कि अनुमान के अनुसार इस हवाई अड्डे पर यात्रियो की संख्या 2021 में 31 लाख रहेगी, जो 2036 तक बढ़कर 90 लाख हो जाएगी।
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