Edited By Jagdev Singh, Updated: 07 Nov, 2019 04:11 PM
डेंगू ग्वालियर में महामारी की शक्ल ले रहा है। वहीं अभी तक डेंगू के 185 रोगी सामने आ चुके हैं, लेकिन इसकी रोकथाम और एहतियात के लिए प्रयास करना तो दूर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल के डेंगू वार्ड में ही नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। मेडिकल काउंसिल ऑफ...
ग्वालियर (अंकुर जैन): डेंगू ग्वालियर में महामारी की शक्ल ले रहा है। वहीं अभी तक डेंगू के 185 रोगी सामने आ चुके हैं, लेकिन इसकी रोकथाम और एहतियात के लिए प्रयास करना तो दूर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल के डेंगू वार्ड में ही नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एवं राज्य शासन के नियम के अनुसार अस्पताल में डेंगू का मरीज मच्छरदानी में ही रहेगा और उसके पास एक से अधिक अटेंडेंट नहीं जाना चाहिए। साथ ही जो अटेंडेंट उसके साथ रहे उसका भी चेकअप होना चाहिए।
वहीं जो सच्चाई सामने आ रही है। उसमें जेएएच के डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज को मच्छरदानी तो दूर उसके बेड पर अटेंडर भी बैठे और सोते नजर आ रहे हैं। वहीं मेडिसिन वार्ड में सभी तरह के मरीजों को भर्ती किया गया है इन सब लापरवाही के बीच सामान्य मरीज को डेंगू होने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है, क्योंकि डेंगू का संदिग्ध मरीज जिस वार्ड में भर्ती हो वहां मच्छरदानी होनी चाहिए। वहीं ऐसा नहीं होने पर मरीज को काटने वाला मच्छर अगर दूसरे को भी काटता है तो उस मरीज में भी संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए डेंगू के मरीजों को सभी मरीजों के साथ नहीं रखना चाहिए।
वहीं जेएएच अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने मरीज के पास सिर्फ एक अटेंडर होने की बात को स्वीकार किया है। साथ ही कहा है कि अगर अस्पताल के वार्डों में इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है तो वे निश्चित तौर पर उसको दिखाएंगे और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेंगे।