Edited By meena, Updated: 08 Jul, 2019 10:32 AM
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। विधानसभा के इस सत्र में में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है। 19 दिवसीय मानसून सत्र के दौरान सदन में कुल 15 बैठकें होंगी। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद...
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। विधानसभा के इस सत्र में में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है। 19 दिवसीय मानसून सत्र के दौरान सदन में कुल 15 बैठकें होंगी। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा आत्मविश्वास से लबालब है। प्रदेश के कई अहम मुद्दों जिनमें बिजली कटौती, किसान कर्जमाफी अहम है भाजपा विधायक सीएम कमलनाथ को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़गें। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह कहकर कमलनाथ सरकार की चिंता बढ़ा दी है कि अगला एक महीना सरकार के लिए बेदह कठिन होगा।
दिवंगतों को श्रद्धांजलि
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।इस सत्र में विधानसभा में व्यवस्थाएं बदली हुई दिखाई देंगी। विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में मंत्री और विधायकों की आवाजाही के लिए नई व्यवस्था की है. मंत्री, विधायक और पूर्व विधायक गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे, जबकि मंत्रियों का स्टाफ और विधायकों के साथी गेट नंबर 5 से विधानसभा में प्रवेश करेंगे. वाहनों की पार्किंग के लिए भी विधानसभा परिसर में व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
सीएम की सलाह
प्रदेश के अहम मुद्दों को लेकर विपक्ष फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है।इसकी तैयारी के लिए रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सीएम कमलनाथ ने विधायकों से से किसी भी तरह के प्रलोभन में न आने की हिदायत दी। साथ ही विधायकों को सत्र के दौरान पूरे समय सदन में मौजूद रहने और सरकार का पक्ष पूरी दृढ़ता के साथ सदन में रखने को भी कहा है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सरकार की अब तक की योजनाओं का पूरा होमवर्क करने और उसे सदन में साझा करने के भी निर्देश दिए।
भाजपा विधायक दल की बैठक आज
राज्य सरकार को घेरने के लिए बीजेपी रणनीति तैयार करेगा जिसके लिए विधायक दल की बैठक आज प्रदेश कार्यालय में होगी। भारतीय जनता पार्टी जनहित से जुड़े मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी के साथ-साथ फ्लोर मैनेजमेंट में जुटी है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक अपने मंसूबे जाहिर नहीं किए हैं कि सत्र के दौरान यह मांग की जा सकती है। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह कहकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया है कि अगला एक महीना कांग्रेस सरकार के लिए मुश्किलों भरा होगा।
विधायकों को संदेश
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की ओर से सभी विधायकों को संदेश भिजवाया गया है कि वे सत्र के दौरान उनकी उपस्थिति जरुरी है। साथ ही जनहित के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी के लिए पूरी तैयारी के साथ आएं। खास बात यह है कि भाजपा में संगठन स्तर पर भी सत्र को लेकर जमावट की जा रही है। विपक्ष सत्र के दौरान सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग करेगा या नहीं इस पर विधायक दल की बैठक में भी चर्चा हो सकती है। विधायक दल की बैठक में प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत अन्य नेता भी शामिल हो सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष का बयान
विधानसभा सत्र में बिजली कटौती, तबादला उद्योग, तथा किसान कर्जमाफी भाजपा के पास बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जो जिन्हें लेकर सरकार की घेराबंदी की जा सकती है। कांग्रेस विधायकों के बीजेपी नेताओं के संपर्क में होने पर उन्होंने कहा आगे-आगे देखिए होता है क्या?
विधानसभा स्पीकर की चेतावनी
इससे पहले विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर मंत्री जो भी घोषणा या आश्वासन देंगे अफसरों को उन पर एक महीने के अंदर अमल करना होगा. विधानसभा में मंत्रियों के दिए गए आश्वासनों की मॉनिटरिंग की जाएगी. इस मामले में अफसरों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.