Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 09 Jan, 2019 07:07 PM
जिले में धोखाधड़ी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां एक मजदूर ने वन विभाग अधिकारी पर आरोप लगाया कि अधिकारी ने उनसे मजदूरी तो करवाई लेकिन मेहनताना नहीं दिया। आलम यह है कि मजदूर 3 दिन से भूखे-प्यासे परिवार समेत दर-दर भटकने...
मुरैना: जिले में धोखाधड़ी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां एक मजदूर ने वन विभाग अधिकारी पर आरोप लगाया कि अधिकारी ने उनसे मजदूरी तो करवाई लेकिन मेहनताना नहीं दिया। आलम यह है कि मजदूर 3 दिन से भूखे-प्यासे परिवार समेत दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से भी इस संबंध में गुहार लगाई है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
जानकारी के अनुसार, वन विभाग पदस्थ रेंजर लाखन सिंह कुशवाहा ने मजदूरों से पहाड़ी चौंकी पर गड्डा खोदने का काम करवाया। जिसमें लगभग 15 से 20 दिन मजदूरों ने काम किया। जिसमें 300 रुपए मजदूरी के हिसाब से सभी मजदूरों का 75 हजार 9 सौ रुपए मेहनताना बनता है। लेकिन रेंजर ने उन्हें कभी 2 हजार तो कभी 5 हजार रुपए देकर काम निकलवा लिया। इस हिसाब से रेंजर ने सिर्फ 10 हजार रुपए ही मजदूरों को दिए। जब मजदूर रेंजर से बकाया राशि लेने गए तो रेंजर ने उन्हें गालियां देकर भगा दिया।
अंत में मजदूर कलेक्टर प्रिंयका दास के पास अपनी गुहार लेकर पहुंचा। जब इस बात का रेंजर को पता चला तो वह मजदूर को बहला फुसलाकर वहां से मजदूरी देने का कह कर बाहर ले आया। लेकिन मजदूरी नहीं दी। हालांकि मीडिया की दखलअंदाजी के बाद कलेक्टर ने रेंजर को तलब किया है।